हद है… कहीं बिना यूनिफार्म स्कूल जाते है बच्चे तो कहीं कचरे के ढेर की शोभा बढा रहें है बच्चों के हक के ये गणवेश…

बिलासपुर…छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश की सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने और प्रदेश के बालक-बालिकाओं के शिक्षा के लिए कितनी गम्भीर है..यह तो छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षा को लेकर बनाई गई योजनाओ की फेहरिस्त को देखने से लगता है..और सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र – छात्राओं के लिए हर साल अरबो करोड़ो रूपये खर्च भी करती है..लेकिन राज्य के अफसरशाहो में करप्शन की जड इतनी लंबी हो गई है.. कि वो उन करोड़ो रूपये को घुन बनकर चट कर जा रहें हैं..

कचरे के ढेर मे स्कूल यूनिफार्म….

दरसल मसला यह है की सरकार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले जिन विद्यार्थियों की लिए गणवेश की व्यवस्था निशुल्क की जाती है..वे गणवेश कचरे के ढेर मे पडे मिलने लगें हैं.. मामला जिले के सरकंडा के ग्राम चांटीडीह का है.. जहां के सब्जी मंडी के कचरे के ढेर में सरकारी स्कूल मे निशुल्क दिए जाने वाले दर्जनो गडवेश और कापी किताब पड़ी मिली है.. जिस तरह से कचरे के ढेर में स्कूली गणवेश जले हुए मिलें ..इसे देखने से तो ऐसा लगता है की यह किसी करप्शन की उपज है..

जांच के आदेश…

वही अब इस मामले के सामने आने से स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है..जिला शिक्षा अधिकारी ने खण्ड शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए है..

बहरहाल सरकार नए शिक्षण सत्र खुलने से पहले स्कूली गणवेश को लेकर जितनी तेजी से पैसे खर्च करती है..ताकि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चे उन गणवेशो का उपयोग कर सके वही कचरे के ढेर में पड़े मिले हो तो अब यह अंदाजा लगाना मुश्किल नही की सरकारी तंत्र में इन दिनों कैसा कामकाज चल रहा है…