मुख्यमंत्री की तरह मंत्रिमंडल के नाम भी करेंगे हैरान? लगाए जा रहे कयास

भोपाल। 3 दिसंबर को उत्तर भारत के तीन राज्यों के चुनावी परिणाम ने कई लोगों को हैरान किया था। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल की। तीनों ही राज्यों में पार्टी को बहुमत मिला। इसके बाद चर्चा शुरू हुई कि यहां पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी। छत्तीसगढ़ के अलावा एमपी और राजस्थान के नामों ने सभी को हैरान कर दिया।

सीएम के नामों ने सभी को किया हैरान

इन राज्यों में एक से बढ़कर एक धुरंधरों को सिअमे बनाए जाने की चर्चा थी। जिन्हें सीएम बनाया गया, शायद उन्हें भी यह अंदाजा नहीं होगा कि पार्टी उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने वाली है। लेकिन ऐसा हुआ। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव और राजस्थान में भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। शुक्रवार को भजन लाल शर्मा ने शपथ भी ले ली। अब इसके बाद चर्चा शुरू हो गई है मंत्रिमंडल की। माना जा रहा है कि जैसे सीएम के नामों ने सभी को हैरान किया वैसे ही मंत्रिमंडल के नामों में भी देखने को मिलेगा।

18 दिसंबर से पहले एमपी में हो सकता है ऐलान

अगर बात करें मध्य प्रदेश की तो बीजेपी के पास राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 हैं। इस तरह भाजपा बगैर किसी दबाव के बड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है और यह बात मुख्यमंत्री के चयन में भी नजर आई है। राज्य की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से शुरू हो रहा है और संभावना इस बात की जताई जा रही है कि इससे पहले मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है।

मंत्रिमंडल के गठन को लेकर विचार मंथन जारी

बीजेपी में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर विचार मंथन जारी है और मंत्रियों की सूची पर अंतिम मुहर राष्ट्रीय नेतृत्व की ही लगेगी। यह भी पार्टी के अंदर से दावे किए जा रहे हैं। कहा यह जा रहा है कि राज्य का मंत्रिमंडल जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर संतुलित होगा, साथ ही नए चेहरों को मौका ज्यादा दिया जा सकता है। यह लोग कौन होंगे, इसका कयास कोई नहीं लगा पा रहा है। इसके सतह ही आगामी लोकसभा चुनावों को भी पार्टी ध्यान में रखेगी।

उसके पीछे कारण भी हैं क्योंकि बीजेपी इन दिनों चौंकाने वाले दौर से गुजर रही है। इसी के आधार पर यह माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में युवाओं के साथ कई चौंकाने वाले नाम होंगे और ऐसे लोग भी मंत्रिमंडल में नहीं होंगे, जिनको लेकर आमतौर पर यह मानकर चला जाता है कि वे तो मंत्री बनेंगे ही।