कोचिंग के बहाने से महिला दारोगा के साथ दुष्कर्म, 3 माह बाद पकड़ा गया आरोपी हवलदार

पटना। बीएमपी की महिला दारोगा के साथ दुष्कर्म कर दिए जाने का मामला सामने आया था। महिला दारोगा के साथ दुष्कर्म करने का आरोप बीएमपी के हवलदार राकेश कुमार सिंह पर लगा था। इसके बाद से ही आरोपी हवलदार राकेश कुमार सिंह फरार चल रहा था। वहीं गुरुवार की रात में आरोपी हवलदार राकेश कुमार सिंह को पटना महिला थाना की पुलिस व पटना पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने अपने जाल में फांस लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित महिला का कोच रह चुके एवं बीएमपी के हवलदार राकेश को पुलिस ने रूपसपुर थाना क्षेत्र से पकड़ा है। बताया जा रहा है कि आरोपी राकेश बीते कई महीनों से इसी क्षेत्र में छिपकर रह रहा था। आरोप है कि राकेश पीड़ित महिला के साथ बीते 10 वर्ष से ज्यादती, जुल्म और उसका यौन शोषण कर रहा था।

आरोपी ने यौन शोषण के साथ पीड़ित मीहिला को मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया। इसके अलावा आरोपी ने महिला दारोगा को आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान पहुंचाया। महिला दारोगा के नाम पर हवालदार ने 30 लाख का लोन भी ले रखा है। पीड़िता का एटीएम कार्ड भी ले रखा था। राकेश ने महिला दारोगा से कई सादे चेक पर उसके दस्तखत भी करा रखे हैं। पीड़ित महिला ने जो एक करोड़ रुपये का बीमा करा रखा है वह उसमें खुद को महिला का पति बताकर जबरन नॉमिनी बन गया है।

पीड़ित महिला दारोगा द्वारा इस संबंध में सभी लिखित शिकायत पुलिस मुख्यालय में कमजोर वर्ग के एडीजी अनिल किशोर यादव को दी गई थीं। एडीजी ने पीड़िता की शिकायतों को गंभीरता से लिया था और पटना एसएसपी उपेन्द्र शर्मा को मामले में एफआईआर करने का आदेश दिया था। फिर पटना एसएसपी के आदेश पर महिला थाना में बीते 16 जून को मामला दर्ज हुआ था।

महिला ने अपनी शिकायत में राकेश की पत्नी रेणु सिंह, उसकी बेटी पायल सिंह, रमेश चौबे और कुणाल चंद्र राय को भी नामजद आरोपी बनाया है। राकेश इस मामले में पहला आरोपी गिरफ्तार हुआ है। राकेश के खिलाफ कोर्ट ने सात अगस्त को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जानकारी के अनुसार इस मामले के तमाम नामजद आरोपियों की अग्रित बेल खारिज हो गई है। वहीं पटना महिला थानेदार किशेर सहचरी का कहना है कि आरोपी राकेश की रूपसपुर से अरेस्ट किया गया है। पुलिस आरोपी राकेश से पूछताछ कर रही है।