मुंबई हमला: तकनीकी गड़बड़ी के कारण आतंकवादी हेडली की गवाही कल तक के लिए स्थगित

मुंबई

पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली की यहां एक अदालत के समक्ष तीसरे दिन की गवाही अमेरिका की तरफ वीडियो लिंक में तकनीकी गड़बड़ी के कारण कल यानी 10 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, ‘ उनकी (अमेरिका की) तरफ वीडियो कांफ्रेंस लिंक में किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण हम सुबह से कई बार कोशिश किए जाने के बावजूद संपर्क स्थापित नहीं कर पाए।’ उन्होंने कहा कि गवाही कल जारी रहेगी। शुरूआत में गवाही को एक घंटे के लिए स्थगित किया गया था लेकिन निकम और अन्य अधिकारियों ने न्यायाधीश जी ए सनप को बाद में सूचित किया कि गड़बड़ी को तत्काल दूर नहीं किया जा सकता।

इसके बाद अदालत ने गवाही कल तक के लिए स्थगित करने के अभियोजन पक्ष के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। शुरू में 12 फरवरी तक गवाही दिए जाने की योजना थी लेकिन अब इसका समय और बढाया जा सकता है। हेडली 26/11 आतंकवादी हमलों के मामले में पिछले दो दिनों से अमेरिका के किसी गुप्त स्थान से गवाही दे रहा है।

हेडली ने कई खुलासे करते हुए अपनी गवाही में बताया कि आईएसआई पाकिस्तान में विभिन्न आतंकवादी संगठनों को किस प्रकार वित्तीय, सैन्य और नैतिक सहयोग देकर उनकी मदद कर रहा है। उसने अदालत को यह भी बताया कि कि किस प्रकार 26 नवंबर, 2008 को किए गए हमले से एक साल पहले ही मुंबई को निशाना बनाने की साजिश शुरू कर दी गई थी और शुरू में लश्कर ने ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों के सम्मेलन पर हमला करने की योजना बनाई थी। इसके लिए होटल की डमी भी तैयार कर ली गई थी।

हेडली ने कहा कि रक्षा वैज्ञानिकों के सम्मेलन पर हमले की योजना टाल दी गई क्योंकि हथियारों की तस्करी करने में दिक्कत थी और इस सम्मेलन के पूरे कार्यक्रम में बारे में जानकारी भी नहीं मिल पाई थी। उसने सिद्धिविनायक मंदिर को निशाना बनाने की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि साजिद मीर (लश्कर में हेडली का आका) ने उससे विशेष रूप से मंदिर का वीडियो बनाने को कहा था। हेडली ने यह भी कहा कि वह आईएसआई के लिए भी काम किया करता था और पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारियों से मिला था।

उसने कहा कि उसने लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी को लश्कर को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करके उसे प्रतिबंधित करने को लेकर अमेरिकी सरकार को अदालत में खड़ा करने की सलाह भी दी थी।