वाटर एटीएम 1 रुपया मे वाटर के बदले उगल रहा है बिमारी

  • जिला अस्पताल में एक सप्ताह पूर्व स्थापित किया गया है वाटर एटीएम
  • नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ,महापौर और निगम नेता प्रतिपक्ष ने किया था शुभारंभ

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर के जिला अस्पताल में एक सप्ताह पहले स्थापित वाटर एटीएम अब लोगो के लिए मुसीबत बन गया है… क्योकि ये वाटर एटीएम एक रुपया के सिक्के डालने पर शुद्द पानी बल्कि अशुद्द बदबूदार पानी उगल रहा है… जिससे अस्पताल के भीतर ही बिमारी फैलने का खतरा बढ गया है… इधर महापौर ने इस सूचना में तत्काल सुधार की बात कह कर इस गंभीर मुद्दे से अपना पलडा छाड लिया है,,

एनी टाईम मनी यानी एटीएम की तर्ज पर अम्बिकापुर नगर निगम ने जिला अस्पताल में मरीजो की सुविधा के लिए वाटर एटीएम की स्थापना की,, जिसमें एक रुपया का सिक्का डालने पर एक लीटर पानी निकलता है,,, लेकिन एक रुपया में लोगो को शुद्द पानी मुहैया कराने वाला ये एटीएम अपनी स्थापना के एक सप्ताह बाद ठीक वैसा ही पानी उगल रहा है,, जैसे किसी नाली के पास से गुजरने में महशूश होता है… ये हम नही बल्कि अस्पताल मे भर्ती मरीज के वो परिजन कह रहे है,, जिन्होने इस पानी को उपयोग करने का प्रयास किया था,, मरीजो के परिजन गीता गिरी की माने तो कल वो एक रुपया का सिक्का डाल कर पानी निकाल रही थी, कि उनको पानी से बहुत खराब बदबू आई जिससे वो उस पानी को बोतल समेत छोडकर वापस चली गई। इसके साथ यही एडमिट मरीज के रिश्तेदार आदर्श के मुताबिक उसने जब पानी निकाला तो पानी नाली की गंदगी की तरह बदबू कर रहा था।

गौरतलब है कि निगम द्वारा जिला अस्पताल में स्थापित वाटर एटीएम संयत्र का उद्घाटन एक सप्ताह पूर्व विधानसभा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव , महापौर डाँ अजय तिर्की और निगम के नेता प्रतिपक्ष जन्मजय मिश्रा की उपस्थिती में किया गया था,, इधर मरीजो और यंहा के लोगो की द्वारा मिली इस गंभीर सूचना की खबर जब हमारे द्वारा महापौर तक पंहुचाई गई तो उन्होने इसे तकनीकी खराबी बता कर ,, तत्काल सुधार कराने की बात कही है,,,

निगम द्वारा अस्तपाल के अंदर वाटर एटीएम के माध्यम से परोसी जा रही बिमारी का भले ही इलाज कर लिया जाए ,, लेकिन सवाल तो सिर्फ एक ही है,, कि वाटर एटीएम की स्थापना के बाद उसकी देखरेख की जिम्मा किसका है… क्या केवल वाटर एटीएम लगा देना ही जनहित का कार्य है ? क्या उसकी तकनीकी खामियो के लिए वो जनता जिम्मेदार है जो बदबूदार पानी पीने को मजबूर है,,,,