हे रमन राज!..सोती रही प्रशासन ..और एक ठेकेदार की लापरवाही से कट गया मुख्यालय का सम्पर्क..अधिकारियों के लाख दावों के बाद भी अबतक आवागमन है ठप्प….

  • ठेकदार की लापरवाही से साल भर पहले से स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य में 30% भी नहि हुआ अभी तक पूर्ण..
  • घटिया निर्माण कार्य का लोगो ने कई बार किया विरोध…प्रशासन ने नही ली सुध..

सूरजपुर (आयुष जायसवाल) – जिले के दतिमा- बिश्रामपुर के बीच सड़क विकास निगम द्वारा लगभग 29 करोड रुपए लागत से बनाए जा रहे टू लेन सड़क निर्माण में ठेकेदार की लापरवाही से कल रात बिश्रामपुर -भटगांव मार्ग के बीच पड़ने वाले पासंग नाले का पुलिया बह गया जिससे भटगांव- विश्रामपुर मार्ग पहली बार पूरी तरह बंद से बंद हो गया .. जिससे क्षेत्र का जिला मुख्यालय सूरजपुर से सीधा संपर्क टूट गया..साल भर पहले से ही स्वीकृत हुए इस निर्माण कार्य मे पासंग नाला पुलिया का भी निर्माण करना था.. लेकिन ठेकदार द्वारा नए पासंग नाला निर्माण से पहले पुराने पुलिया से ही रपटा बनाकर आवागमन की सुविधा बनाई गई थी..और अब वह भी पानी के तेज बहाव में चल बसा..इसे ठेकेदार की मनमानी और विभाग की लापरवाही के तौर पर देखा जा सकता है..
बता दे की उक्त सड़क का निर्माण कार्य साल भर पहले से चल रहा है जिसमे ठेकेदार की मनमानी से धीमी गति के साथ अत्यंत ही घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है .. ठेकेदार द्वारा पुरे रोड को खोद दिया गया है जिससे बरसात के मौसम में समूचे सड़क पर जल भराव की स्थिति निर्मित हो जाती है..
वैकल्पिक मार्ग से करे सफर – अगर आपको बिश्रामपुर , सूरजपुर में जाना है तो हम आपको वैकल्पिक मार्ग बता रहे है आप दतिमा – गंगीकोट होते हुए बिश्रामपुर जा सकते है , या फिर आप दतिमा – रामनगर- सरस्वतीपुर होते हुए सूरजपुर जा सकते है साथ ही दतिमा से लटोरी व सिलफिली होते हुए भी आप बिश्रामपुर – सूरजपुर का सफर कर सकते है …
बरहाल जहा तक अभी उक्त रोड का 30% भी कार्य पूरा नही हो पाया है और अभी पूरी बरसात बाकि है तो सवाल यह है कि पासिंग नाला का रपटा एक बार फिर से बनाने के बाद भी आवागमन सुचारू रूप से चालू रहेगा या नही …

” रपटा बहने की सुचना जैसे ही मिली तत्काल कर्मचारियो को सुबह से ही काम में लगा दिया गया है , युद्ध स्तर पर कार्य जारी है जल्दी ही आज शाम तक आवगमन सुचारू रूप से चालू हो जायेगा..यह कहना है रश्मि वैश्य का जो उक्त कार्य एजेंसी की प्रोजेक्ट आफिसर है..बावजूद इसके मार्ग का बाधित रहना पानी की बेरुखी तो है ही..लेकिन रपटा बहने के 24 घण्टे बाद भी प्रशासन की मौन स्वीकृति कुछ और ही कह रही है…