श्रीमद्भागवत कथा का संगीतमय आयोजन (उदयपुर)

श्रीमद्भागवत कथा का संगीतमय आयोजन
रोज उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

उदयपुर (अम्बिकापुर)

ब्लाॅक मुख्यालय उदयपुर में दूसरी बार संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन पिछले पांच दिनों से जारी है। भागवत कथा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कथा का आयोजन विगत 25 जनवरी से 31 जनवरी 2016 तक किया गया है। कथा का वाचन माँ गायत्री मिश्रा शिवधाम गोदावर ब्योहारी द्वारा किया जा रहा है। भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुये भागवत कथा में राम जन्म एवं कृष्ण जन्म की जीवंत प्रस्तुति भी दी गई । कथा वाचक गायत्री मिश्रा ने बताया कि आदमी सांसारिक मोहमाया में खोकर अपने मोक्ष के रास्तों को बंद करता जा रहा है। शरीर नश्वर है और यही शाश्वत सत्य है। जिसने भी इस शरीर पर और ताकत पर घमंड किया उनका सर्वनाश हमेशा सुनिश्चित होता है। इसलिए अहम को त्याग कर ईश्वर की ओर मनुष्य को अपना ध्यान लगाना चाहिए। इस कलयुग में जीने के लिए साधन और साधन के लिए पैसों की आवश्यक्ता है और इसी उहापोह और साधन जुटाने चक्कर में आदमी ईश्वर भक्ति भुलते जा रहा है। अपने नियमित क्रिया कलापों को करते हुये प्रत्येक दिन कुछ समय अपने और अपने ईश्वर के लिए भी निकालें जिससे तन और मन की शुद्धता बनी रहे। जो मनुष्य सांसारिक क्रियाकलापों के साथ ईश्वर भक्ति में लगा है उसके लिए ईश्वर प्राप्ति के द्वार हमेश खुले रहते है।  भागवत कथा को सफल बनाने के लिए महिला मंडल की सदस्यगण तन मन और धन से प्रयासरत् है। महिलाओं के इस सराहनीय प्रयास की प्रशंसा पूरे नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो रही है। काफी संख्या में लोग दूर दराज से कथा सुनने आ रहे है। कथा वाचन के अंतिम दिन भण्डारा का आयोजन भी किया गया है।