छत्तीसगढ़ के साधु संत करेंगे चारों दिशा की यात्रा, देश को हिंदू राष्ट्र बनाने लेंगे संकल्प, 15 साल में ये पदयात्रा क्यों नही हुई?- सीएम

Raipur: देश में हिन्दू राष्ट्र की मांग जोर पकड़ने लगी है. अनेक साधु संत भी हिन्दू राष्ट्र की बात कह रहे है. अब आरएसएस भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने का अभियान छत्तीसगढ़ से शुरू करने जा रहा है. इसके माध्यम से देश भर के साधु-संत छत्तीसगढ़ के चारो दिशाओं से 18 फरवरी को एक साथ पदयात्रा पर निकलेंगे. अनेक जिलो से होते हुए रायपुर में 19 मार्च को धर्मसभा के रूप में यात्रा का समापन होगा. विश्व हिंदू परिषद ने प्रेसकांफ्रेन्स कर इसकी जानकारी दी. पदयात्रा में प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर की पदयात्रा साधु संत करेंगे. चार शक्तिपीठ दंतेवाड़ा दंतेश्वरी मंदिर, रतनपुर महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी मंदिर, चंद्रपुर के चंद्रहासिनी मंदिर से पदयात्रा निकलेगी. साथ ही सभी साधु संत झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगो के घरों तक भी जाएंगे. वही फिर रायपुर में सभी संत व समाज प्रमुख एकमत होकर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने का संकल्प लेंगे.

विश्व हिंदू परिषद छग प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने कहा यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं के अंदर हिंदू भाव जागरण, समरसता, समानता का भाव जगाने की दृष्टि से यात्रा का आयोजन संतो के द्वारा किया गया है. मां महामाया यात्रा रामानुजगंज से निकलेगी, मां चंद्रहासिनी यात्रा जशपुर के सोहरा आश्रम से निकलेगी, मां दंतेश्वरी यात्रा सुकमा से निकलेगी, मां बम्बलेश्वरी यात्रा मोहला से निकलेगी. इस यात्रा में मुख्य रूप से सर्वेश्वर तानसेन महाराज, आचार्य राकेश जी पूज्य वेद प्रकाश जी महाराज, स्वामी परमात्मानंद जी, राम रूप दास जी शंकर दास ऐसे प्रमुख संत सारे संत कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.

15 साल में ये पदयात्रा क्यों नही हुई?- सीएम

साधु पदयात्रा पर सीएम का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा कि पंद्रह साल में ये पद यात्रा में क्यों नहीं हुई? RSS के सभी संगठनों को ऐक्टिव किया गया है, अब आ रहे है तो अच्छा है हमारे सारे काम को देखे. हम उनके संगठन में क्यों जाए हमारे पास संगठन की कोई कमी नहीं है.

कांग्रेस इस पदयात्रा को आरएसएस से जोड़ रही हैं. संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा – कोई भी संत होगा वह RSS की पदयात्रा में शामिल नहीं होगा। RSS का उद्देश्य जिस देश में गंगा जमुना तहजीब पे प्रहार करना शुरू से है. एक तरफ वह हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं दूसरी तरफ मसीही भोज का आयोजन करते हैं. मुसलमानों का सम्मेलन आयोजन करते हैं. आप पहले यह तो बताइए कि आप का मूल उद्देश्य क्या है? देश में रहने वाले मुसलमानों ईसाइयों और बौद्धों के खिलाफ बात करते हैं. दूसरी और आप एकता स्थापित करने के लिए उनके साथ भोज का आयोजन करते हैं. RSS का उद्देश्य भाजपा के हित साधन के लिए मतों का ध्रुवीकरण करना है. RSS का कोई भी काम हिंदू के हितों में नहीं होता.

बता दें कि, ये यात्रा महाशिवरात्रि के दिन निकलेगी, 1 महीने के अंदर 700 किमी की पदयात्रा होगी. पैदल चलते हुए संत आम लोगों से मिलते जुलते आगे बढ़ेंगे. धर्म की बात होगी, हिंदुत्व की चर्चा होगी और उसके बाद 19 मार्च को रायपुर में एक बड़ी धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा. यात्रा के बाद 19 मार्च को रायपुर में होने वाली पदयात्रा धर्म सभा में संत समाज में मौजूद कई विवादास्पद मुद्दों पर भी खुलकर बात करेंगे. जैसे धर्मांतरण, जनसंख्या का बढ़ता असंतुलन, तस्करी, लव जिहाद, भूमि जिहाद जैसे मामलों पर बात होगी हर घर में सनातन मूल्य पहुंचाने पर भी चर्चा होगी.