छत्तीसगढ़ में IFS अफसरों के ट्रांसफर की तैयारी, मनचाहा जगह पाने के लिए 1 करोड़ तक तय हुआ है रेट? क्यों चर्चा में है विभाग का ये बड़ा अधिकारी

रायपुर. IFS Transfer in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले तबादलों का दौर चल रहा है। राज्यभर में आईएएस, आईपीएस, डीईओ, तहसीलदार, डिप्टी कलेक्टर, ज्वाइंट कलेक्टर, जनपद सीईओ के तबादले हालिया दिनों में हुए है। इसी बीच खबर है कि अब वन विभाग का नंबर है। छत्तीसगढ़ वन विभाग 36 आईएफएस अधिकारियों का तबादला सूची तैयार कर रही है। इसको लेकर विभाग में आपसी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। चर्चा है कि तबादले में अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग रेट तय किया गए है। वहीं एक बार फिर सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए वन विभाग के सबसे बड़े अधिकारी और पूर्व सरकार के चहेते पीसीसीएफ श्रीनिवास राव जादू दिखाने की फिराक में लगे हुए हैं।

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सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द वन विभाग में बड़े पैमाने पर आईएफएस अफसरों का तबादला किया जाएगा। इससे पहले पीसीसीएफ श्रीनिवास राव विभाग में एड़ी चोटी लगा रहे है। पूर्व वनमंत्री के करीबी पीसीसीएफ श्रीनिवास राव पर पहले तबादलों में लंबे लेन-देन के आरोप लग चुके हैं और नई सरकार बनने के बाद पहले तबादले लिस्ट के साथ ही बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की तैयारी भी उनके द्वारा की जा रही है। पिछले सरकार में भी इनकी इसी तरह की हथकंडे के कारण मोहम्मद अकबर और भूपेश बघेल की लुटिया डूब गई। संभवतः इन्ही के वजह से नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने भी विधानसभा में कहा कि वन विभाग में बहुत सारे सुअर आ गये हैं। हर विधानसभा में मरवाही और कटघोरा वनमण्डल में हुए घोटालें कि चर्चा हो ही जाती हैं।

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बताया जा रहा है कि अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से आईएफएस अधिकारियों के लिए जगह तरासने का काम किया जा रहा है, वहीं इसे लेकर अपनी खुद की सेवा तैयार करने वाले श्रीनिवास राव की पूरी टीम तैयारी में लगी हुई है। मैदानी क्षेत्र से लेकर वनांचल क्षेत्र तक मलाईदार जगह पर रहने के लिए रेट भी तय किया जा रहे हैं। अगले एक-दो दिनों में ट्रांसफर लिस्ट आने की पूरी संभावना जताई जा रही है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि नई सरकार में भी पीसीसीएफ अपनी मनमानी चलाने वाले हैं और उनके चहेतो और काम के देने वालों को मनचाहा पोस्ट ऑफर किया जा रहा है।

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विभागीय सूत्रों की माने तो पीसीसीएफ श्रीनिवास राव ने पद बांटने के लिए अपने लोगों को जिम्मेदारी दी है। वहीं अलग-अलग वृत्त के मंडल का रेट 1 करोड़ से लेकर 40 लाख तक तय किया गया है। सरगुजा वृत्त की बात करें तो एक मंडल में अधिकारी बैठने की आवाज में एक करोड रुपए की बात सामने आ रही है। वहीं बिलासपुर वृत्त के मरवाही और कटघोरा वन मंडल का रेट 70-70 लाख रुपए रखा गया है। इसी तरह मलाईदार जगह पर अधिकारियों को बैठने के लिए बड़ी डिमांड की जा रही है।

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पूर्व की सरकार में भी श्रीनिवास राव ने तत्कालीन वन मंत्री का विश्वास पाकर पूरे वन विभाग में बड़े पैमाने पर उठा पटक किया था। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के जंगलों में बाहरी लोगों को बसाने का काम भी बड़े पैमाने पर हुआ। श्रीनिवास राव विभाग में ही नहीं बल्कि सरकार और चुनाव में भी दखलअंदाजी रखते हैं। उनके आसपास करीबियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि वनांचल क्षेत्र में चुनाव को प्रभावित करने के लिए पीसीसीएफ श्रीनिवास राव अपने लोगों को बैठाते हैं, फिर चहेतो के लिए लोकतंत्र का गला घोटने का काम करने लग जाते हैं। अगर सरकार द्वारा इन पर जल्द कार्रवाई करते हुए नकल नहीं कसी गई, तो आने वाले दिनों में सरकार की छवि को धूमिल कर लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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