Chhattisgarh Politics: मंत्री टीएस सिंहदेव का पत्र BJP के लिए बड़ा काम कर गई, प्रदेश प्रवक्ता ने बताया किस कोशिश में लगे हैं टीएस बाबा



BJP’s Press Conference Regarding TS SinghDeo: छत्तीसगढ़ सरकार में वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा की पेशकश कर दी है और इस्तीफा देने की वजहों को एक पत्र में लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रेषित किया है। सिंहदेव ने पत्र में ऐसी मांगों को उल्लेखित किया है जिसे सरकार अब तक पूरा नहीं कर सकी है। इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है और अब प्रदेश स्तर के भाजपा नेता इस पत्र को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। इस मसले को लेकर आज छत्तीसगढ़ की राजनीति की उप राजधानी कहे जाने वाले सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में भाजपा ने प्रेसवार्ता आयोजित की। जिसमें भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह, अखिलेश सोनी के साथ ही भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज और भाजपा महामंत्री मौजूद रहे।

सरकार के प्रति अविश्वास पत्र

प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि अम्बिकापुर विधायक टीएस सिंहदेव ने एक विभाग से इस्तीफा दिया ये साधारण बात हो सकती है लेकिन जिस प्रकार सिंहदेव ने इस्तीफे के साथ एक पत्र सीएम को लिखा उस पत्र के आधार पर सम्पूर्ण राजनैतिक गतिविधियां निर्मित हुई है। इस दौरान अनुराग सिंहदेव ने टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाए कि वे पिछले 15 वर्षों से विधायक है लेकिन वो जनता के प्रति कर्तव्य भूलकर पद की होड़ में है। मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में है। उन्होंने आगे कहा कि सिंहदेव ने सीएम भूपेश को जो पत्र लिखा है वो सरकार के प्रति अविश्वास का आरोप पत्र की तरह है और ये आरोप उनके सरकार के ही मंत्री ने लगाया है।

सीएम को इस्तीफा देना चाहिए

भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने कहा कि पिछले तीन साल से विपक्ष की भूमिका में जो आरोप लगाती रही है। उसको एक मंत्री ने अपने आरोप पत्र के माध्यम से प्रूफ़ कर दिया है। अखिलेश सोनी के मुताबिक़ कल तक जब मंत्री का पत्र पूरे प्रदेश और देश में वायरल हो गया था। तब मुख्यमंत्री कह रहे थे कि उनको अभी तक पत्र नहीं मिला है। वैसे अब आरोप पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री को पूरे मामले की जाँच करानी चाहिए और नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।