बिंझिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग पर विचार करने छत्तीसगढ़ आएगा राष्ट्रीय जनजाति आयोग का अध्ययन दल

बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कोरिया

और सरगुजा जिलों का करेंगे भ्रमण

रायपुर. 30 जनवरी 2014

बिंझिया जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्ययन दल 3 फरवरी से छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों का दौरा करेगा। आयोग का अध्ययन दल छः दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कोरिया तथा सरगुजा जिलों में बिंझिया जाति के गांवों और बस्तियों का भ्रमण कर समाज के लोगों से चर्चा करेंगे। साथ ही उनकी सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का अध्ययन करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने बिंझिया समाज के लोगों से अपील की है कि वे अध्ययन दल के दौरे के दिन ज्यादा से ज्यादा संख्या में मौजूद रहकर अपने समाज के बारे में अधिक से अधिक जानकारी आयोग के सदस्यों को दें।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्ययन दल 3 फरवरी को बलौदाबाजार, 4 फरवरी को जांजगीर-चांपा, 5 फरवरी को कोरबा एवं कोरिया और 6 फरवरी को सरगुजा जिले का दौरा करेगा। इस दौरान दल के सदस्य संबंधित जिले के कलेक्टर, बिंझिया समाज और अन्य आदिवासी समुदायों से मुलाकात कर बिंझिया जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। साथ ही दल बिंझिया बाहुल्य गांवों का भ्रमण भी करेगा। अध्ययन दल में अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री भेरूलाल मीणा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भोपाल (मध्यप्रदेश) के सहायक निदेशक श्री ए.के. दुबे, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, रायपुर (छत्तीसगढ़) के उप निदेशक श्री पी.के. दास, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, रायपुर के सचिव श्री बद्रीश सुखदेवे और आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रायपुर के अनुसंधान सहायक डॉ. राजेन्द्र सिंह शामिल हैं।