कांग्रेस शासन में एक बडे भाजपा नेता के दमाद को बना दिया गया आयोग का सदस्य.. अब तरह तरह की हो रही है चर्चा

रायपुर. छत्तीसगढ शासन के खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता संरक्षण विभाग के विशेष सचिव के हस्ताक्षर से जारी एक अधिसूचना ने प्रदेश के दोनो प्रमुख दलो मे खलबली मचा दी है. सोशल मीडिया मे जमकर वायरल इस अधिसूचना वाले पोस्ट पर लोग तरह तरह के कमेंट भी कर रहे हैं.. और ऐसा इसलिए क्योकिं एक तो 15 साल बाद प्रदेश मे कांग्रेस की सत्ता आई है, तो सत्ता का सुख लेने वालो की जगह सुख उसको मिल रहा है. जो पिछले 15 साल मलाई काट चुके हैं.

दरअसल वायरल पोस्ट मे जारी मे अटैच अधिसूचना के मुताबिक खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता संरक्षण विभाग के विशेष सचिव मनोज कुमार सोनी ने 4 जून 2020 को एक अधिसूचना जारी की है. जिसके माध्मय से छत्तीसगढ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के दो सदस्यो के नाम की लिखित घोषणा की गई है. जिनमे पहले नाम न्यू राजेन्द्र नगर के प्रियदर्शनी नगर निवासी गोपाल चंद्र शील और बिलासपुर जिले के तखतपुर अंतर्गत आने वाले मेण्ड्रा गांव निवासी प्रमोद कुमार वर्मा की नियुक्ति छत्तीसगढ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के सदस्य के रूप मे की गई है. वैसे तो ये नियुक्ति उपभोक्ता विवाद को निपटाने के लिहाज से की गई है. लेकिन नियुक्त सदस्यो मे प्रमोद कुमार वर्मा का नाम नियुक्ति के बाद खुद विवाद के घेरे मे आ गया है.

सोशल मीडिया मे इस नियुक्ति को लेकर जमकर बवाल मचना शुरु हो गया है. इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री के पूर्व मीडिया प्रभारी और भाजपा आईटी सेल मे लंबे अर्से तक काम करने वाले देवेन्द्र गुप्ता ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट किया है. जिसमे उन्होने लिखा हैं.

“मंडल-आयोग में पद पाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता जहा जूते-चप्पल घिस रहे है वही पिछले दरवाजे से विपक्ष के नेता सेटिंग में लगकर अपने रिश्तेदारों को मलाई खिला रहे है। इसे कहते है साहब का जलवा। चारों उंगलियां घी में और सिर कड़ाही में। 4 जून को छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में सदस्यों में नियुक्ति हुई है। इसमें भी एक दामाद बाबू भी है। कौन है और किसका है यह दया? आपको बताएगा।
अब क्या कहु, बेचारे भाजपा कार्यकर्ता पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने तैयार बैठे है। आज सरकार के खिलाफ पुतला दहन आयोजन को सफल बनाकर उन्होंने अपनी ताकत का अहसास भी करा दिया है। पर उन्हें क्या पता सेनापति कुछ और गोटी भिड़ाने की जुगत में है।

(हमको लेकर कोई भ्रम में न रहे। ना हम इधर के हैं ना उधर के।सीधी सपाट बात आपके सामने रख रहे है। किसी से कोई पूर्वाग्रह नही है, आईना लेकर खड़े है।)”

तो आपने ऊपर लिखे फेसबुक पोस्ट के लिखित मैसेज को पढा होगा.. लेकिन इस पोस्ट मे ये साफ है कि कांग्रेस सरकार मे किसी बडे भाजपा नेता के दामाद को भी आयोग का सदस्य बना दिया गया है.. तो अब देखिए इस पोस्ट मे आए कमेंट जिसमे साफ हो जाएगा कि आखिर प्रमोद कुमार वर्मा किस बडे भाजपा नेता के दामाद हैं.

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