बेमौसम बारिश ने बिगाडी खेती की गणित, किसान नुकसान कम करने की कवायद मे जुटा.

चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट
बेमौसम वारिस ने जहां कोयलांचल नगरी में ठंडक पैदा कर दी है वही ग्रामीण अपने फसलों के नुकसान को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे है। दो दिनों से लगातार रूक रूककर हो रही बरखा और कुछेक जगहों में पड़े ओले आम के बौर को भी प्रभावित किया है फलों के राजा आम के बौर तेज हवाओं सहित ओले के चपेट में है , पेड़ में लगे बौर झड़ चुके है, हरी सब्जियों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
मौसमशास्त्रों के अनुसार 04 अप्रेल तक बरखा और मौसम में नमी बने रहने का अनुमान है और इस कारण से रोजमर्रा के कार्य करने वालों को भी काफी सघर्ष करना पड़ रहा है। दैनिक कार्यो पर मौसम की मार पड़ने से व्यापार भी प्रभावित हुआ है और यह अभी 04 अप्रेल तक जारी रहेगा। मौसम की इस बेरूखी के कारण ग्रामीण हरी सब्जियों को खेत से जल्द से जल्द बाजार लाकर खपाने की कवायद में भिड़े है ताकि खराब होने से पूर्व कुछ नुकसान की भरपाई की जा सके। हालाकि टमाटर और मटरफल्ली के नुकसान को रोक पाना किसानों के लिएं आसान नही है फिर भी अपने तरफ से हर सफल प्रयास कर नुकसान को कम करने की कोशिष की जा रही है। चिरमिरी क्षेत्र में चलने वाला विषाल जगन्नाथ मंदिर का मेला भी मौसम की चपेट के कारण प्रभावित हुआ है मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ में काफी कम तादाद देखी जा रही है जो कि मेले में व्यापार को अंजाम दे रहे व्यापारियों के लिएं रोने जैसे नौबत है लिहाजा शनिवार की दोपहर के बाद मौसम ने थोड़ा नरमी बरती है, जिससे मेले के अंतिम दिन क्षेत्रवासी अपने घरों से निगल जगन्नाथ धाम पहुंच रहे है और मेले का अंतिम दिन होने के नाते आम नागरिकों के लिएं मौसम की नरमी चेहरे में खुशी लेकर आई। खासकर बच्चों का उत्साह आज परवान चढ़ा हुआ है क्योकि उन्हे बार – बार इस बात का डर था कि कही मेले के अंतिम दिन भी बरखा का गिरना नही रूका तो एक वर्ष का यह बड़ा पर्व घर में ही बीत जायेगा कितु शनिवार के दोपहर के बाद से धूप खिलकर निकला जो बच्चों के खुशी को चैगुना कर दिया है। शाम ढ़लते -ढ़लते मेले में रौनक बढ़ती दिखाई दे रही है।