इस गाँव के चेकपोस्ट को पार कर पाना मुमकिन नहीं .. कोरोना सतर्कता को लेकर मिशाल बना ये गाँव!

अम्बिकापुर. देश मे कोरोना की बंदी का पालन कराने कहीं कहीं पुलिस और प्रशासन सख्त रुख अपनाना पड रहा है. तो वही छत्तीसगढ के सरगुजा जिले के एक गांव से ऐसी तस्वीर निकल कर आई है. जो ऐसे मुश्किल भरे समय मे दूसरे लोगों या गांव के लिए एक मिशाल पेश की है. देश मे लाक डाउन के हालात मे इस गांव के लोगो ने अपने गांव की सीमा को सील कर दिया है.. और दिन मे तीन बार मुनादी के माध्यम से लोगो को शासन के निर्देशो की जानकारी दी जा रही है.

दरअसल सरगुजा जिला मुख्यालय से 10 किलीमीटर दूर स्थित इस ग्राम पंचायत का नाम खलिबा है. इस गांव की आबादी करीब 18 सौ है.. और गांव के अधिकांश लोग खेती पर आश्रित हैं. लेकिन जागरूकता की बात करें.. तो ये खलिबा गांव उन गांव और शहरो के लिए एक मिशाल है. जो कोरोना जैसी घातक वायरस से अपने गांव की रक्षा के लिए अनोखा काम कर रहे हैं. जिसके लिए गांव के लोग गांव मे प्रवेश करने वाले मार्ग पर बकायदा नाकेबंदी कर गांव की सीमा को सील कर चुके हैं. जिससे गांव के लोग बिना काम गांव से ना जाए और बाहरी व्यक्ति गांव मे ना घुस सके.

प्रशासनिक तौर पर जो एहतियात बरता जा रहा है. उसी से सीख लेते हुए हम ग्राम पंचायत में कड़ाई कर रहे हैं. ताकि बाहर के लोग गांव में घुस न पाएं. जो वायरस महामारी का रूप ले रहा है. इसमें देश के साथ हम सहयोग देने के लिए नाका लगाए हुए हैं. बाहर के लोग नहीं आ पाए. संक्रमण नही फैल पाए. सबको संदेश देना चाहते हैं कि ये जो महामारी का रूप ले रहा है. ये देश मे महामारी का रूप नहीं लेने पाए. इसलिए हमको अपने घर से निकलना नही है.. और बाहरी आदमी के संपर्क में नहीं रहना है. आप अपना काम कीजिए. सरकार, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो योजना बताई जा रही है.उसका पालन किया जाए. मास्क लगाएं, हाथ धोएं. सेनेटाइजर का प्रयोग करें.

अमितेज सिंह, स्थानिय निवासी, ग्राम पंचायत खलिबा

देश के अलग अलग हिस्सो के साथ साथ खासकर सरगुजा जिला मुख्यालय मे पुलिस और प्रशासन के सामने लाक डाउन का पालन करवाना एक चुनौती साबित हो रहा है… लोग बेवजह अपने घरो से निकल कर पुलिस को सख्त होने पर मजबूर कर रहे है… इधर ऐसे मुश्किल हालात मे जिले के खलिबा गांव के लोगो ने अपने गांव पूरी तरह से सील कर दिया है… आलम ये है कि गांव के अंदर प्रवेश करने वाले मार्गो को पूरी तरह से सील कर दिया गया है.. गांव मे किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया है… क्योकि गांव के जनप्रतिनिधि और लोग इतने जागरूक है कि वो जानते है कि कोई बाहरी अगर कोरोना वायरस लेकर गांव आया तो फिर गांव की स्थिती चिंताजनक हो जाएगी..

गांव में नाकाबंदी इसलिए किये हैं. की बाहरी व्यक्ति हमारे गांव में घुस रहे हैं. अभी कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है. इसलिए हमारे गांव में पंच, सरपंच और ग्रामवासी सब मिलकर एक नाका लगाए हैं. की बाहरी आदमी यहां घुस न पाए. यहां हमलोग सुबह शाम कोटवार के द्वारा मुनादी करा रहे हैं. की घर से कोई नहीं निकले. और घर मे किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं घुसने दें. घर से किसी काम से बाहर निकलने हैं. तो वापस आने पर अपने हाथ साबुन से धोएं. रोज कोटवार से दो बार मुनादी करा रहे हैं.

वीर साय, सरपंच पति, खलिबा, सरगुजा

भारत देश मे कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. जिसके रोकथाम के लिए. गांव स्तर पर पंच, सरपंच और ग्रामीण विचार किये. की सभी ग्रामवासी मिलकर बाहरी लोगों को गांव में प्रवेश नही होने दें. जिससे इस बीमारी के प्रकोप से बचा जा सके. इसी उद्देश्य को लेकर हमने नाकाबंदी का व्यवस्था किया है.

अमृत लाल यादव, पंच, खलिबा, सरगुजा

गांव के सीमा पर की गई नाकेबंदी के लिए गांव के दो से तीन लोग 3-3- घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं.. औऱ किसी भी आने वाले को गांव मे प्रवेश करने से रोक दे रहे हैं.. इतना ही गांव के चौकी दार के अलावा गांव के पढे लिखे युवा भी माईक स्पीकर लेकर लगातर गांव के लोगो से अपील कर रहे हैं कि कोरोना से लडने के लिए लोग घरो मे ही रहे .. औऱ लगातार हाथ को धोए औऱ किसी बाहरी व्यक्ति को गांव और घर मे आने से मना करें… बहरहाल इस गांव के लोगो से शहर के उन पढे लिखे लोगो को भी सीख लेना चाहिए.. जो केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देश के अलावा हर अफवाह को सही मान रहे हैं.. और लाक डाउन का पालन करने के बजाय पुलिस और प्रशासन के साथ समाज के लिए मुसीबत बन रहे हैं.