अमृत दूध के सैकडों पैकेट खराब..जांच के लिए नहीं भेजा गया सेम्पल…

[highlight color=”black”]कोरिया [/highlight][highlight color=”red”]सोनू केदार [/highlight]

 

अमृत दूध मे शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। दरअसल इस बार इसकी दस्तख कोरिया जिले मे हुई है। हलांकि खराब दूध को नही बांटने और उपयोग न होने के कारण कोई अप्रिय घटना सामने नही आयी है।लेकिन अब यह सवाल खड़ा हो गया हैैै कि जिले मे काफी मात्रा मे अमृत दूध के खराब पैकेट मिलने पर खराब दूध को जांच के लिये क्यों नही भेजा गया..?

मिली जानकारी के मुताबिक मई 2016 के आखरी हप्ते मे आंगनबाड़ी केन्द्रों मे बच्चों को पिलाने के लिये देवभोग कंपनी के अमृत दूध की खेप जिला मुख्यालय आयी थी, जिसे परियोजना कार्यालय एकीकृत बाल विकास बैकुण्ठपुर मे रखा गया था। इसी बीच अमृत दूध को लेकर समाचार पत्रों और चैनलों मे प्रसारित समाचारों के बाद इसके वितरण को रोक दिया गया था। हलांकि जब तक इसे रोका जाता तब तक कुछ केन्द्रों के लिये यह दूध आवंटित हो चुका था। हलांकि इस दूध के बटने के बाद कोई अप्रिय खबर नही आयी परंतु जब दूध के सभी कार्टुनों की जांच की गई तो भारी मात्रा मे दूध के पैकेट फूले हुए और लिकेज मिले। जिन्हे स्टाॅंक करके रख दिया गया।चैकाने वाली बात यह रही कि अधिकारियों के मुताबिक दूध आने के बाद जांच करके खराब पैकेट निकाल दिये गये थे। लेकिन दूध के सेम्पल के रूटीनजांच के तहत औषधि एवं खाद्य विभाग द्वारा 8 जून को इसके सेम्पल लिये गये, जबकि दूध 24 मई को ही यहां पहुुंच चुका था। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि खराब दूध पाये जाने पर इसके 52 पैकेट 14 जुलाई को डिस्पोज कर दिये गये। वहीं अब सवाल  यह उठता है कि जब पहले ही दूध के खराब होने का पता चल गया था तो परियोजना कार्यालय मे खराब दूध के सैकडों पैकेट कैसे पड़े हुए है। आखिर इन्हे क्यों डिस्पोज नही किया गया।

गौरतलब है कि खराब दूध के पैकेट मे अंकित उत्पादन तिथि के मुताबिक दूध 90 दिनो तक इस्तेमाल किये जा सकते है लेकिन 90 दिन पूर्ण होने से पहले ही दूध खराब हो चुका है और यह बात अधिकारी भी मानते है। वही महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने आनन फानन मे बाकी के खराब अमृत दूध के संबंध में दुग्ध महासंघ के सदस्य से बात कर पंचनामा तैयार कर उसे डिस्पोज करने की बात कही है।
[highlight color=”blue”]सागर दत्ता……..फूड सेफ्टी आफिसर[/highlight]
हमारे द्वारा रूटीन जांच के तहत 8 जुन को अमृत दूध के सेम्पल लिये गये थे जिन्हे जांच के लिये भेजा गया था। जांच रिर्पोट 29 जुन को ही आ गई थी जो सेम्पल भेजे गये थे उनमे किसी प्रकार की कोई खामी नही पाई गई है।

[highlight color=”blue”]रमाकान्त चंद्राकर……….जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी[/highlight]
हमारे यहां से सेम्पल नही भेजा गया है। पैकेट मे लिखे सामान्य निर्देशों के अनुसार जो खराब पाये गये उन्हे अलग कर दिया गया। पिछले महिने कुछ पैकेट दूग्ध महासंघ के प्रतिनिधि के मौजूदगी मे डिस्पोस किये गये है।