कलेक्टर दर नहीं मिलने व वेतन से पैसा काटने पर रोष

अम्बिकापुर 

जीवनदीप कर्मचारी फिर आंदोलन के मूड़ में
कलेक्टर दर नहीं मिलने व वेतन से पैसा काटने पर रोष

जिला अस्पताल में जीवन दीप समिति के तहत काम करने वाले लगभग 120 कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन का मूड़ बना लिया है। कलेक्टर दर पर वेतन नहीं मिलने व पूर्व में मिलने वाले वेतन से 200 से 300 रूपये काट लिये जाने को लेकर आक्रोशित सभी कर्मचारियों ने आज जिला अस्पताल ओपीडी में एक बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तय की है।

कर्मचारियों का कहना था कि प्रभारी मंत्री के द्वारा कलेक्टर दर पर वेतन प्रदान किये जाने के आदेश के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन अपनी मनमानी पर उतारू है। यहीं नहीं पूर्व में दो दिवसीय आंदोलन के दौरान सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद भी उनके वेतन से दो दिन का पैसा काट लिया गया। कर्मचारियों ने आज बैठक में यह तय किया है कि वे अपनी इस बात से प्रबंधन को अवगत कराकर उन्हे आंदोलन की तारिख बतायेंगे।
ज्ञात हो कि कई वर्षो से जिला अस्पताल में जीवन दीप समिति के तहत स्वच्छक वार्ड व्याय, वार्ड आया, रसोई कर्मचारी, टेक्निसीयन सहित अन्य काम कर रहे लगभग 120 कर्मचारियों ने मानदेय बढ़ाने व कम से कम उनका वेतन कलेक्टर दर पर करने के लिए कुछ माह पूर्व प्रबंधन को अवगत कराया था। मांग पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने काम बंद कर धरना प्रारंभ कर दिया था। एक दिन की ही हड़ताल से ही जिला अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई थी। खास तौर पर सफाई नहीं होने पर पूरे वार्ड में कचरे का अंबार दिखाई देने लगा था। दूसरे दिन दोपहर को एसडीएम, महापौर व सिविल सर्जन के द्वारा प्रभारी मंत्री की बैठक में उनकी मांगों को रखने की बात पर हड़ताल स्थगित की गई थी। कर्मचारियों ने उस वक्त यह भी कहा था कि मांग पूरी नहीं होने पर वे पुनः आंदोलन की राह पकडेंगे। प्रभारी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की बैठक के बाद यह तय हो गया था कि जीवन दीप के कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाये।

इस आशय की खबर समाचार पत्रों में भी प्रमुखता से प्रचारित की गई थी। प्रभारी मंत्री के आदेश के बाद कर्मचारियों में खुशी की लहर थी। एक माह बितने के बाद कर्मचारियों को वेतन का इंतजार था। परंतु उन्हे कलेक्टर दर पर तो वेतन नहीं मिला अलबत्ता पूर्व में मिलने वाले वेतन से भी दो दिन की हड़ताल के पैसे काट लिये गये। कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों के आश्वासन के बाद दूसरे दिन दोपहर बाद ही वे लोग काम पर लौट गये थे और पूरे अस्पताल की सफाई भी की थी। इन सब के बाद भी प्रबंधन द्वारा उनका पैसा वेतन काट लिया जाना समझ से परे हैं। कर्मचारी इस बात को लेकर काफी रोष में है।