यहाँ रोजगार की तो गारंटी है पर मजदूरी भुगतान की नहीं…

बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में सलंग्न मजदूरों को मजदूरी भुगतान नही मिलने से उक्त योजना से मजदूरों का मोह भंग हो गया है,और ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यो को कराए जाने  की मंशा से संचालित उक्त योजना का बण्ठधार हो गया है,वही मनरेगा से जुड़कर काम करने वाले मजदूर अपने ही मजदूरी की राशि को पाने अधिकारियों के चक्कर काट रहे है,तो वही शासन के लोक सुराज अभियान में भी शिकायत के बाद भी मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नही हो पाया है।
जिला मुख्यालय में आज दोपहर की तपती धूप में दो दर्जन से अधिक की संख्या में शंकरगढ़ जनपद क्षेत्र के ग्राम जरगिम के ग्रामीण पहुचे थे ,ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें मनरेगा में कार्य किये तीन बरस बीत चुके है,लेकिन मजदूरी भुगतान की राशि का अबतक अता पता नही है,और सरपंच सचिवो के द्वारा भी केवल कोरा आस्वासन ही मिला ,यही नही ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इस सम्बंध में जनपद पंचायत में भी अर्जी लगाई थी,बावजूद इसके उन्हें मजदूरी की राशि तो नही मिली बल्कि गांव के ही  रोजगार सहायक की धमकी मिली ।
वही ग्रामीणों ने शासन द्वारा चलाये गए लोक सुराज अभियान में भी बीते महीने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी,और वे आश्वस्त थे कि इस बार उनको मजदूरी की राशि मिल ही जाएगी,लेकिन हुआ वही जो उनके साथ हर बार होते आया,तथा आज थक हार कर ग्रामीण जिले के मुखिया कलेक्टर के शरण मे पहुँचे थे,और कलेक्टर ने उनकी समस्या को बड़ी ही गम्भीरता से सुनी ,उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी मजदूरी की राशि उन्हें मिल जाएगी,और कलेक्टर के आस्वासन के बाद उन्हें मजदूरी का भुगतान हो पाता है या नही यह देखने वाली बात है,लेकिन इन मजदूरों को तीन बरस बीतने के बाद भी मजदूरी का भुगतान क्यो नही हो पाया यह जांच का विषय तो है ही ,और जांच होनी भी चाहिए ताकि दोषी सरकारी मातहतों पर गाज गिर सके।
जीविकोपार्जन में समस्या
मुख्यालय के जिला पंचायत प्रांगण में बड़ी ही आस से नजरे जमाये इन ग्रामीण मजदूरों का कहना था,की मेहनत करके भी उन्हें अब अपने पसीने की कमाई के लिये, सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे,तथा उन्हें जीवन यापन करने में भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है,और ऐसा ही चलता रहा ,तो सरकार को धमकी देते हुए तल्ख लहजे में ग्रामीणों का कहना है कि वे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से स्वीकृत कार्यो में कार्य नही करेंगे,तथा उक्त योजना का बहिष्कार करेंगे ।
समाधान शिविर का कड़वा सच
यू तो प्रदेश सरकार ने बड़े ही तामझाम के साथ लोक सुराज का आगाज किया था,और अधिक से अधिक संख्या में ग्रामीण क्षेत्रो के शिकायतों का निराकरण करने का दावा किया था,लेकिन उसके बाद भी इस तरह के शिकायतों का आना ,लोगो के समाधान शिविर में शिकायत बाद भी कार्यवाही का ना होना जमीनी स्तर के कर्मचारियों के कार्य शैली पर सवालिया निशान लगा देता है,की किस ढर्रे के साथ आज भी सरकारी अमला कार्य कर रहा है,और ऐसा कब तक चलता रहेगा?