सांप ‘नचाने‘ का हुनर नही तो रह जाते हैं कुंवारे…

  • जगह जगह सांपों को दिखा कर करनी होती है कमाई 
  • मुखिया आमदनी से संतुष्ट तभी होता है विवाह

 सोनहत से राजन पाण्डेय –  बदलते सामाजिक परिवेश में आज जहां लड़की वालों को वर पक्ष की मांगों को पूरा करना पड़ता है वहीं जनजातीय गोड़ समाज की उप जाति सवरा में आज भी वर को यह साबित करना पड़ता है कि वह कमाने योग्य है । शादी के ईच्छुक युवक को शादी से पहले सांपों को पकड़ने उन्हे काबू में करने और अपने ईशारों पर नचाने की कला में पारेगत होना पड़ता है जिसके लिए उन्हे कड़ी परीक्षा देनी पड़ती हैै। इस परीक्षा में सफल होने के बाद लड़की का पिता अपनी कन्या का हाथ युवक के हाथ में सौपता है।

कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड में जनजातीय समाज की एक अजीबो गरीब परंपरा देखने को मिली । वर्तमान में सोनहत विकासखंड अंर्तगत छत्तीसगढ राज्य बिलासपुर करगी रोड कोटा के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के लोग टोलियां बनाकर सांप दिखाने घूम रहे है और अपना पेट पाल रहे है । इनके पास कई किस्म के सांप है ये टोलियां जगह जगह सांप दिखा कर जड़ी बूटी भी विक्रय करती है । जब इनसे पूछा गया तो उन्होने बताया की हमारे समाज में सांप दिखाने की परंपरा है । यदि हम सांप नही दिखांएगे तो हमारा विवाह समपन्न नही हो पाएगा

क्या है परंपरा 

जब हमने टोली के सदस्य बिरजू राम से बात की तो उन्होने जानकारी देते हुए बताया की कन्या पक्ष के तरफ से वर पक्ष को सांप दिया जाता है जिसे लेकर अलग अलग स्थानों में जाकर दिखाना पडता है और अपना जीवन यापन भी करना पडता है । तब जाकर वर पक्ष एवं कन्या पक्ष में विवाह के लिए मंजूरी दे दी जाती है और कभी कभी खुद से भी वो अपनी जिविकोपार्जन सिद्ध करते है जिसके बाद उन्हे विवाह और अपना घर चलाने के योग्य मान लिया जाता है।

जड़ी बूटी भी बेचते है

बिरजू राम ने बताया की सांप दिखाने के अलावा उनके द्वारा जड़ी बूटी भी विक्रय की जाती है जिसे बछ कहा जाता है उन्होने बताया की सांप को कुछ दिनों तक घूम घूम कर दिखाया जाता है जिससे जिविकोपार्जन भी किया जाता है और बाद में उसे जंगल में छोड दिया जाता है ।

शादी के पहले परीक्षा 

सोनहत विकासखंड में इन दिनो करगी रोड क्षेत्र के आदिवासी समाज के युवक सांप दिखाने के लिए घूम रहे है। टोली के बड़े सदस्य ने बताया की युवकों ने शादी की इच्छा जताई है इसलिए आमदनी एवं जिविकोपार्जन के संबंध में योग्यता की परीक्षा ली जा रही है महीने भर कार्य के अनुरूप जिविकोपार्जन की स्थिती देखने के बाद समाज के बड़े बुर्जुग यह तय करेंगे की अभी संबंधित युवक शादी के योग्य है या नही । ं