उगते सूर्य को अध्र्य के साथ छठ पूजन का समापन

‘‘उग हो सूरज देव भईले अर्धा के बेरिया’’

अम्बिकापुर

सूर्याेपासना का महापर्व छठ का समापन आज उगते सूर्य को अध्र्य देकर किया गया। उदयपुर ब्लाॅक मुख्यालय सहित आसपास कई जगहों में छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। व्रती महिलाओं के साथ साथ नगर के लोगों ने भी इस अवसर पर प्रेम और सदभाव पूर्वक इस आयोजन में शामिल हुये। लगातार तीन दिनों तक चले इस महापर्व में नहान खान के साथ तीन दिनों पूर्व प्रारंभ हुआ। दूसरे दिन घाट बंधान खीर प्रसाद उसके बाद डूबते सूर्य को अध्र्य देकर व्रतियों ने अपने परिवार के सुख समृद्धि एवं शांति के लिए मंगल कामना की। आज भोर में करीब 4 बजे से व्रती महिलायें घर से नंगे पाव छठ घाट की ओर रवाना हुये उनके साथ उनके परिवार एवं आसपास के लोग भी शामिल हुये। महिलायें छठ पूजा का गीत गाते हुये आगे बढ़ रही थी वहीं पुरूष भी सर पर सुपा दउरा रखकर नंगे पाव छठ घाट साथ साथ रवाना हुये।

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‘‘उग हो सूरज देव भईले अर्धा के बेरिया’’ जैसे छठ की भक्ति गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय था। बच्चों एवं युवकों द्वारा आतिशबाजी भी की जा रही थी। जैसे जैसे सुर्याेदय का समय नजदीक आ रहा था लोगों का रेला छठ घाट पर बढ़ते जा रहा था । सुबह होते होते सैकड़ों की संख्या में लोग सूर्यदर्शन एवं छठ का प्रसाद लेने के लिए उमड़ पड़े। जैसे ही सूर्य देव के दर्शन हुये अध्र्य देने के बाद हवन पूजन कर व्रत का समापन व्रती महिलाओं ने किया । इससे पूर्व मंगलवार की रात को छठ घाट से कुछ पहले उत्साही युवकों एवं वरिष्ठ नागरिकों ने लाईट, टेंट पंडाल एवं चाय और पानी की व्यवस्था किये हुये थे। पूरी रात भक्ति संगीत का कार्यक्रम चलता रहा और झिरमीटी के रामायण मंडली द्वारा रामायण का पाठ भी किया गया। इनमें संदीप श्रीवास्तव, बसंत सिंह, कमलेश अग्रवाल, गोविन्दा साहु, बंटी सोनी, लल्ला साहू, भोला, छोटू, जिम्मी, बल्लू कश्यप, सोनू राजवाड़े, जीतू शर्मा, बंटी आदि शामिल रहे।