घर की निलामी सार्वजनिक होगी.. तो विपक्ष को फायदा जरूर पहुंचेगा… ट्रांसफर उद्योग मामले मे टीएस सिंहदेव की दो टूक

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ मे सत्ता स्थानांतरण की आपाधापी के बीच नया बवाल शुरु हो गया है.. प्रदेश मे पिछले कई महीनो से चल रहे ट्रांसफर उद्योग के खिलाफ अब सत्ताधारी दल के विधायको ने आर पार की लडाई का मन बना लिया है… बुधवार की शाम जहां प्रदेश के कई विधायको ने स्कूल शिक्षा मंत्री औऱ उनके निजी सचिव के खिलाफ ट्रांसफर उद्योग संचालित करने का आऱोप लगाया है.. तो वही अब इस मामले को लेकर प्रदेश के स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव ने नाराज विधायको को तथ्यो के आधार पर नसीहत दी है… हांलाकि ये नसीहत उनके कितने काम की है.. ये तो नाराज विधायक ही समझ पाएगें…. दरअसल काफी लंबे अंतराल बाद छत्तीसगढ के स्वास्थ, पंचायत एंव ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव अपने गृह क्षेत्र अम्बिकापुर पहुंचे.. इस दौरान एक धार्मिक कार्यक्रम मे शिरकत करने के बाद वो मीडिया से मुखातिब हुए… मीडिया से चर्चा के दौरान मंत्री श्री सिंहदेव ने कई मुद्दे पर मीडिया के सामने अपनी बात रखी… इस दौरान कुछ घंटो पहले छत्तीसगढ की राजनीति मे हुई नए बवाल पर श्री सिंहदेव ने अपना पक्ष रखते हुए…. स्कूल शिक्षा विभाग मे हुए तबादले से नाराज विधायको को सलाह दी….

स्वास्थ मंत्री के मुताबिक जिस ट्रांसफर को लेकर विधायको ने नाराजगी व्यक्त की है.. उस तरह के ट्रांसफर फिलहाल बंद हैं…. प्रदेश मे जो तबादले हो रहे हैं.. वो केवल मुख्यमंत्री जी समिति के द्वारा किए जा रहे है.. इसलिए विधायको को मुख्यमंत्री जी के पास जाना चाहिए… इतना ही नहीं मीडिया के सवालो का जवाब देते हुए श्री सिंहदेव ने कहा कि अगर घर की निलामी सार्वजनिक होगी.. तो विपक्ष को फायदा जरूर पहुंचेगा… इसके अलावा सिंहदेव ने तथ्यो के आधार पर इस मामले मे अपनी राय रखी… पर जिस तरह से विधायक अपने ही दल के मंत्री के खिलाफ सार्वजनिक रूप से मीडिया मे बयानबाजी कर रहे है.. उसको देखकर साफ लग रहा है कि कहीं ना कही सत्ता हस्तांतरण की खलबली के बीच कहीं ये दूसरी तरह का राजनैतिक षडयंत्र तो नहीं है.. क्योकि पिछले दो महीने मे से “भूपेश भाई” और “बाबा साहब” के बीच सत्ता हस्तांतरण की जो जोर आजमाईश जारी है.. उसमे स्कूली शिक्षा मंत्री का भूमिका स्पष्ट नजर नहीं आ रही थी… लिहाजा राजनैतिक के जानकार और सूत्र दबी जुबान ये कह रहे हैं.. कि ये सब और इससे भी ज्यादा अभी कुछ ऐसे लोगो के साथ भी हो सकता है… जो इस मामले मे अपना रूख स्पष्ट नहीं करेंगे….

“ये एक तो दुर्भाग्यपूर्ण है, जिस तरह से घटनाक्रम हुआ… मुझे ये सुनने में आया कि दुर्व्यवहार हुआ वहां.. ये अत्यंत आपत्तिजनक है.. किसी को ये अधिकार नही है.. कि किसी के साथ भी… चाहे वो विधायक हो, मंत्री हो या सम्मानित नागरिक हो.. किसी के साथ दुर्व्यवहार का वातावरण ऐसा उत्पन्न करें… और रही बात ट्रांसफर की बात, तो ट्रांसफर तो हो ही नहीं रहे.. और जो भी ट्रांसफर हो रहे, वो मुख्यमंत्री की कमेटी है.. कोऑर्डिनेशन कमेटी, जिसकी मुख्यमंत्री अगुवाई करते हैं.. चीफ़ सेक्रेटरी बैठते है, विभागीय प्रमुख सचिव बैठते हैं… इनलोग ट्रांसफर कर रहे हैं.. वरना ट्रांसफर पर तो बैन है… किसी को भी ये जानना चाहिए, समझना चाहिए कि ट्रांसफर तो हो ही नहीं रहे… ट्रांसफर अगर हो रहे है तो वो मुख्यमंत्री की अगुवाई वालो कोऑर्डिनेशन कमेटी है.. उसी के माध्यम से हो रहे है..”

टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन