मेडिकल कालेज में प्रवेश के लिए फर्जी दस्तावेज देने वाली छात्रा पर 25 लाख का जुर्माना

अंबिकापुर – जिला मुख्यालय अम्बिकापुर मे संचालिक शासकीय मेडिकल कालेज मे एक बडा मामला प्रकाश मे आया है। यहां दाखिला लेने वाली प्रथम वर्ष  की छात्रा पर प्रबंधन ने 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।  दरअसल मूलत: उडीसा की रहन वाली छात्रा द्वारा गलत दस्तावेज देकर कालेज की एक सीट खराब करने पर ये जुर्माना लगाया गया है।  जानकारी के मुताबिक छात्रा ने अपने एसटी होने का जाती प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर मेडिकल कालेज में प्रवेश लिया था, जिसकी शिकायत के बाद कालेज प्रबंधन ने ज्ञानसैनी सिंह नामक छात्रा का प्रवेश निरस्त कर दिया था ।  जिस बात से नाराज छात्रा ने पहले हाईकोर्ट की शरण ली थी । लेकिन हाई कोर्ट ने भी दस्तावेज गलत होने के कारण मेडिकल कालेज के पक्ष में फैसला दिया था । जिसके बाद मेडिकल कालेज की एक सीट को खराब करने और गलत दस्तावेज देकर गुमराह किये जाने के कारण छात्रा पर 25 लाख का जुर्माना किया है। वही जुर्माना ना चुकाए जाने की शर्त में न्यायालय की शरण में जाने की बात कही है।

गौरतलब है की सितम्बर 2016 से शुरू हुए अम्बिकापुर मेडिकल कालेज में प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए उड़ीसा की मूल निवासी एक छात्रा ज्ञानसैनी सिंह ने उड़ीसा का जाती प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर खुद को एसटी होना बताया। साथ ही खुद को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद का निवासी बताते हुए यहाँ का निवास प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया था और उक्त छात्रा का प्रवेश मेडिकल कालेज में हो भी गया था लेकिन किसी ने मेडिकल कालेज में उक्त दस्तावेज गलत होने की शिकायत की जिसके बाद जाँच करने पर छात्रा के दस्तावेज गलत पाए जाने पर कालेज प्रबंधन ने छात्रा का प्रवेश निरस्त कर दिया था।  लिहाजा छात्रा ने अपना एडमीशन निरस्त किये जाने के विरोध में हाई कोर्ट में याचिका लगाईं थी जिस पर हाई कोर्ट ने भी फैसला सुनाते हुए छात्रा के दस्तावेजो को गलत बताया है। बहरहाल मेडिकल कालेज प्रंबंधन ने छात्रा द्वारा गलत दस्तावेज देकर कालेज को भ्रमित किये जाने और एक सीट खराब किये जाने के लिए 25 लाख रुपये का जुर्माना कालेज छात्रा पर किया है।