चला गजराज का बुलडोजर और तबाह हो गए बस्ती के तमाम घर

  • ग्रामीणो ने स्कूल की छत पर गुजारी रात 
  • वाहन छोड़ मौके से गायब हुए वनकर्मी 
  •  रेंजर को सुबह तक नही थी घटना की जानकारी 

अम्बिकापुर (क्रान्ति रावत) सरगुजा जिला मे गजराज की चहलकदमी कोई नई बात नही है,,  लेकिन अगर गजराज किसी पूरी बस्ती को उजाड़ दे,,  तो चहलकदमी, दहशतगर्दी मे तब्दील हो जाती है.. 17 गजराज के एक दल ने ऐसी ही दहशत फैलाई है, जिले के सीमावर्ती केसमा पंचायत मे..

दरअसल केसमा के आश्रित ग्राम बजबहरी मे बीती रात मैनपाट की तराई से कूच करते हुए 17 हाथियो का दल घटोन, मरया गांव होते हुए, केसमा के बजबहरी बस्ती मे पहुंचा.. जिसके बाद हाथियों के दल ने बस्ती के 11 मे से 10 घरो को तहस नहस कर दिया..  गजराज की दहशत को देखकर सभी 10 घरो मे रहने वाले मांझी जनजाति के सदस्य ने किसी तरह स्कूल की छत मे चढकर अपनी जान बचाई..  लेकिन गजराजो को ये अच्छा नही लगा और छत के ऊपर चढे लोगो को हाथी ने रात से लेकर सुबह 5 बजे तक घेर कर रखा..  इस दौरान हाथी ने स्कूल भवन को तोडने का प्रयास किया,  हालाकि स्कूल भवन नही टूट पाया और हाथी स्कूल के किचन सेड को तोडकर वापस जंगल मे चले गए.. बाद मे सुबह कुछ वनकर्मी व उनके बाद उदयपुर नायब तहसीलदार अमरनाथ श्याम, राजस्व निरीक्षक आर बी सिंह और पटवारी सुनील कुमार ने घटना मे हुए नुकसान का जायजा लिया..

गाडी छोड़ कर भागे वन कर्मी

इस घटना की जानकारी वन परिक्षेत्र के बीट गार्ड और वनकर्मी को लगी तो वनो और वन्य प्राणी की सुरक्षा के लिए तैनात ये कर्मी मौके पर तो पहुंचे,  लेकिन जानकारी के मुताबिक ये हाथियो से जान बचाने अपना वाहन गांव मे छोड़कर भाग गए.. और ग्रामीणो को अपने हालात मे छोड़ गए..

रेंजर को नहीं थी जानकारी 

रात भर चले इस हाथी तांडव की जानकारी के लिए जब हमारे प्रतिनिधि ने सुबह बाद वन परिक्षेत्र के रेंजर एस. बी. पाण्डेय से मोबाइल पर स्थिति का जायजा लिया तो उन्हें इस गांव मे हुई इस बडी घटना की जानकारी नही थी.. बाद मे हमारी दी जानकारी पर अपने कर्मियों ले पूछताछ कर उन्होने घटना की पुष्टि की..