35 लाख की लागत से बने जर्जर पुल का एक हिस्सा ढहा…दर्जनो गांवो का आवागमन पूरी तरह बन्द… 48 घण्टे बाद भी देखने तक नही पहुचे अधिकारी..

सूरजपुर/दतिमा मोड़ ( आयुष जायसवाल ) – जिले के ग्राम करंजी – सोहागपुर मार्ग पर स्थित ढपना नाले में बने स्टॉप डैम सह पुलिया निर्माण के स्टॉप डैम का डाउन स्ट्रीम प्लेटफॉर्म का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर बह जाने के साथ ही पुलिया के एप्रोच मार्ग के बीच का बड़ा हिस्सा धसक गया. जिस कारण पुलिया से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. वहीं दूसरे दिन की बारिश से पुल के बीच में ही गड्ढा हो गया है. जिसके कारण पुलिया में आवागमन जारी रहने से कभी भी जानलेवा हादसा घटित होने की संभावना है. इस घटना के साथ ही जलसंसाधन विभाग द्वारा कराए गए स्टॉप डैम का डाउन स्ट्रीम प्लेटफार्म बह जाने से कार्य की गुणवत्ता की पोल भी खुल गई है.

बता दें कि लगभग 12 पहले वर्ष 2008 में जल संसाधन विभाग द्वारा करंजी – सोहागपुर मार्ग में ढपना नाले में करीब 35 लाख रुपये लागत से स्टाफ डैम सह पुलिया निर्माण का कार्य कराया गया था. पुलिया की लंबाई 90 फीट और चौड़ाई 25 फीट है. स्टॉप डैम सह पुलिया का लोकार्पण 28 सितंबर 2008 को तत्कालीन संसदीय सचिव रामसेवक पैकरा द्वारा किया गया था. इस पुलिया से दर्जनों ग्रामों के सैकड़ों लोगों की रोजाना आवाजाही लगी रहती है..

एप्रोच धँसका, स्टॉप डैम क्षतिग्रस्त..

3 दिनों से लगातार हो रही बारिश के बीच गुरुवार को सुबह पुलिया की विंग वालों के किनारे एप्रोच मार्ग का बड़ा हिस्सा अचानक भरभरा कर धँसका गया. पुलिया के एक किनारे एप्रोच मार्ग का करीब 12 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा हिस्सा अचानक धंसक गया है. वहीं एप्रोच मार्ग एक अन्य स्थान पर भी धंसकने लगा है. वहीं पुलिया के साथ ही नीचे बने स्टॉप डेम का डाउन स्ट्रीम प्लेटफार्म क्षतिग्रस्त होकर बह गया है. प्लेटफॉर्म के नीचे नीचे से तेज रफ्तार में पानी बहने से पुलिया के अस्तित्व भी संकट में आ गया है. पुलिया के पिलर के निचले हिस्से में बड़ी-बड़ी दरारें आने के साथ ही पिलर के ऊपर का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त होने लगा है. गौर करने वाली बात तो यह है कि पुलिया के साथ बनाए गए इस स्टॉप डेम में आज तक गेट ही नहीं लगाया गया है. वही आज सुबह के बारिश से पुल धीरे धीरे धसते जा रहा है .जिससे आवागमन पूरी तरह से बंद हो गयी है.

कभी भी धरासाई हो सकती है पुलिया..

परिस्थिति को देखकर लाखों रुपए लागत से बनी पुलिया के कभी भी धराशाई होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. पुलिया के पिलर के नीचे आई बड़ी-बड़ी दरारों के साथ-साथ पिलर के ऊपरी हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से पुलिया का अस्तित्व संकट में आता नजर आ रहा है. पुलिया सह स्टॉप डैम के क्षतिग्रस्त होने से निर्माण कार्य के गुणवत्ता की पोल खुल गई है.

दर्जनों ग्रामों के ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ी ..

पुलिया सह स्टॉप डैम के क्षतिग्रस्त होने से ग्राम करंजी सहित झूमरपारा, खरसुरा, दतिमा, खोंपा, बरौल, धरतीपारा, भटगांव आदि दर्जनों ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है. दर्जनों ग्रामों के ग्रामीण उक्त पुलिया से शॉर्टकट होते हुए जिला मुख्यालय सूरजपुर आना जाना करते हैं. पुलिया से आवागमन बाधित होने से उन्हें लंबी दूरी तय कर बिश्रामपुर होते हुए जिला मुख्यालय सूरजपुर जाना पड़ेगा. वहीं वर्तमान स्थिति में पुलिया से आवागमन जानलेवा हो सकता है.

देखने तक नही पहुचे अधिकारी..

चूंकि यह मार्ग पूर्ण रूप से व्यस्थ मार्ग है करंजी रेलवे स्टेशन भी समीप में है. गुरुवार को पुल का हिस्सा ढहने के बाद सम्बंधित अधिकारीयो को तत्काल सूचित किया गया था. लेकिन 48 घण्टे बीत जाने के बाद आलाधिकारियों ने मामले को देखना भी उचित नही समझा है. जो प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल खड़ा कर रहा है.

इस सम्बंध में क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य गीता सत्यनारायण जायसवाल ने कहा कि – पुलिया सह स्टापडैम के क्षतिग्रस्त होने से जानलेवा हादसे की संभावना बढ़ गई है. स्टॉप डैम के डाउन स्ट्रीम प्लेटफार्म के क्षतिग्रस्त होने एवं एप्रोच मार्ग के धंसकने से कार्य की गुणवत्ता की पोल खुल गई है. इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. वहीं प्रशासन पुलिया का जीर्णोद्धार कराने की दिशा में त्वरित कार्यवाही करें. जिससे लोगो को आवागमन सुविधा तत्काल उपलब्ध हो सके.

एसके मिंज – मुख्य कार्यपालन अभियंता जलसंसाधन विभाग जिला सूरजपुर ने कहा कि आपके द्वारा मामले की जानकारी मिली है चुकी विभाग द्वारा कार्य करने के बाद उसे पंचायत को हेंड ओभर कर दिया गया था लेकिन मैं फिर भी तत्काल इसको देखता हूं.