राष्ट्रीय पक्षी मोर के 9 शिकारी गिरफ्तार

अम्बिकापुर

राष्ट्रीय पक्षी मोर के 9 शिकारी गिरफ्तार
पिलखा पहाड़ में फंदा लगाकर किया था शिकार

नगर से लगे लगभग 5 किलोमीटर दूर पिलखा पहाड़ के जंगल में फंदा लगाकर मोर का शिकार करने का एक सनसनी खेज मामला सामने आया है। वन विभाग के द्वारा मोर का शिकार करने वाले 9 लोगों मौके से गिरफ्तार किया गया है। सभी के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम की धाराओं के तहत कार्यवाही की जा रही है।
जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर वन परिक्षेत्र में आने वाले पिलखा पहाड़ क्षेत्र में मोर का शिकार किये जाने का मामला सामने आया है। वन अधिकारियों के मुताबिक वन कर्मी पिलखा पहाड़ क्षेत्र में नियमित गश्त कर रहे थे। उसी दौरान पिलखा पहाड़ के नीचे एक प्राकृतिक जल स्त्रोत के समीप कुछ ग्रामीण एकत्र होकर कुछ पकाने की तैयारी में लगे थे। संदेह होने पर वन कर्मियों ने जब खाद्य पदार्थ की पड़ताल की तो एक बर्तन में मांस मिला मांस को देखकर वन कर्मियों को संदेह हुआ और आसपास तलाश की तो वहां पर मोर के कुछ अवशेष पड़े मिले जिसे देख वन कर्मियों ने मांस के संबंध में पूछताछ की तो पहले ग्रामीणों ने वन कर्मियों को बरगलाने की कोशिश की लेकिन जब वन कर्मियों ने मोर के अवशेष दिखाकर कड़ाई से पूछताछ की तो ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग तीतर को पकड़ने के लिए फंदा लगाये थे लेकिन उस फंदे में मोर फंस गया, और उसी को खाने की तैयारी में जुटे हुये थे।

वन कर्मियों मोर के मांस व अवशेष को सबूत के तौर पर जब्त कर जयनगर थाना क्षेत्र के ग्राम परसापारा निवासी गुड्डू, पिन्टू, राम, बोधन, गुलाब, सुभाष, धीरन, श्याम, धर्मपाल को गिरफ्तार कर देर शाम ही गांधीनगर पुलिस के हवाले कर दिया है। शिकार चाहे मोर का हो या तीतर का, वन अधिनियम के तहत दोनों अपराध है। लेकिन जिस तरह से बिलुप्त होते जा रहे राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार का यह मामला सामने आया है उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि वनों से अच्छादित सरगुजा में अभी भी वे जानवर मौजूद है जिनकी किलकारी के लिए अन्य जिलों के लोगों के कान तरस जाते है, बहरहाल राष्ट्रीय पक्षी शिकार करने वाले सभी दोषी हिरासत में है।