3 दफ्तरों के बीच 3 वर्षो से अपनी परिक्षा कराने भटक रही एक बेटी…!

@Deshdeepakgupta

अंबिकापुर सरकार के बेटी पढाओ बेटी बचाओ का नारा एक बार फिर झूठा साबित हुआ है.. सरकारी उलटफेर के बीच फंसी एक छात्रा अपने भविष्य के लिए दर-दर भटक रही है.. नर्सिंग की पढ़ाई में गुरु घासीदास विश्वविद्द्यालय, सरगुजा विश्वविद्द्यालय और आयुष विश्वविद्द्यालय के बीच सरगुजा की छात्रा इधर से इधर घूम रही है लेकिन तीन वर्षो में उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है..

दरसल सरगुजा की छात्रा खुशमारेन खाखा ने नर्सिंग की पढ़ाई गुरुघासीदास विश्वविद्द्यालय से प्रारंभ की थी लेकिन तभी सरगुजा विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और उसके दस्तावेज सरगुजा विश्वविद्द्याल में भेज दिए गए.. लेकिन इन दो विश्विद्द्यालयो की उदासीनता झेल रही खुशमारेन इस समस्या से बाहर निकल भी नहीं पाई थी की तभी एक नया सरकारी फरमान जारी हुआ जिसने इस छात्रा के लिए एक नई मुसीबत खडी कर दी.. जारी फरमान के तहत नर्सिंग की परिक्षा सरगुजा विश्ववद्यालय में ना हो कर आयुष विश्वविद्द्यल में होना है.. लिहाजा इन तीन बड़े विभागों के बीच इस छात्रा का भविष्य तीन वर्षो से अधर में लटका हुआ है.. छात्रा का कहना है की अगर उसका समय नहीं बर्बाद किया गया होता तो अब तक वो शासकीय नौकरी कर रही होती..

इधर सरगुजा विश्विद्द्यालय के द्वरा छात्रा की परिक्षा इस लिए नहीं कराई जा रही क्योकी नियमो में परिवर्तन हो गए है, और ऐसा करने से भविष्य में छात्रा को दिक्कते हो सकती है.. लिहाजा मीडिया के हस्ताक्षेप के बाद सरगुजा विश्वविद्द्यालय ने छात्रा की परिक्षा के सम्बन्ध में आयुष विश्वविद्द्यालय को पत्र लिख दिया है..

बहरहाल यह छात्रा तीन वर्षो से अपने अधिकार के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रही है.पर वाह रे सरकारी हुक्मरान किसी ने भी उसके भविष्य की चिंता नहीं की और सभी ने अपनी जम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए उसे भटकने को छोड़ दिया था.. लेकिन अब छात्र ने अपनी बात मीडिया के माध्यम से उठाई है.. शायद अब इस छात्रा की समस्या का समाधान हो सकेगा…