अपषिष्ठ प्रबंधन केन्द्रों के नियमित संचालन हेतु कार्य योजना बनायें-कलेक्टर

अम्बिकापुर 

कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में नगर पालिक निगम अम्बिकापुर के अधिकारियों की बैठक लेकर निगम क्षेत्र में स्वच्छता बनाये रखने के उद्देष्य से संचालित ठोस, तरल अपषिष्ठ प्रबंधन केन्द्रों के संचालन तथा आय-व्यय की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवष्यक निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि अपषिष्ठ प्रबंधन केन्द्रों के निर्बाध एवं नियमित रूप से संचालन हेतु आवष्यक कार्य योजना तैयार कर उस पर अमल सुनिष्चित करें। कलेक्टर ने निगम आयुक्त डाॅ. एल.के. सिंगरौल को निर्देषित किया कि अपषिष्ठ प्रबंधन केन्द्रों का उद्देष्यों के अनुरूप संचालन सुनिष्चित करने के लिए केन्द्रों में कार्यरत सदस्यों को समय पर पारिश्रमिक उपलब्ध कराने के लिए आवष्यक व्यवस्थाएं सुनिष्चित करें। उन्होंने केन्द्रों के बेहतर संचालन के लिए मानव चलित एवं बैट्री चलित रिक्षा तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देष दिये है।

अपषिष्ठ केन्द्रों संचालन में नागरिकों की अहम भूमिका
कलेक्टर ने कहा कि अपषिष्ठ केन्द्रों के नियमित संचालन में नागरिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। निगम क्षेत्र में लगभग 36 हजार घर हैं। नगर को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए यदि प्रत्येक घर से 50 रूपये का यूजर चार्ज प्रतिमाह दिया जाता है तो प्रत्येक माह लगभग 18 लाख रूपये का संग्रह हो सकेगा। इसी प्रकार 3 हजार 432 दुकानों एवं 202 होटल संचालकों के द्वारा अपषिष्ठ संग्रहण के निर्धारित शुल्क का भुगतान नियमित रूप से करने पर  कचरा प्रबंधन में लगे लोगों के मानदेय भुगतान में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।

कचरे का विक्रय
कलेक्टर ने कहा कि घर-घर एवं दुकानों आदि से संग्रहित एवं पृथक्करण किये गये तथा विक्रय योग्य कचरे को बेचने के लिए दर निर्धारित करते हुए समय-समय पर उसका विक्रय सुनिष्चित करें। निगम आयुक्त ने बताया कि 156 श्रेणियों में कचरे का पृथक्करण एवं शोधन किया जा रहा है।

प्रबंधन केन्द्रों में हो आनुपातिक कार्यकर्ता
कलेक्टर ने कहा प्रबंधन केन्द्रों के संचालन की शुरूआत में तत्कालीन आवष्यकता को दृष्टिगत रखकर सदस्यों को कर्तव्यस्थ किया गया था। वर्तमान में उनकी कार्य कुषलता एवं क्षमता का निर्धारण कर आवष्यकता के अनुसार उन्हें कर्तव्यस्थ करना सुनिष्चित करें तथा अतिरिक्त लोगों को अन्य आवष्यकताओं के अनुसार काम कर लगायें। उन्होंने कहा कि किसी प्रबंधन केन्द्र में आवष्यकता से अधिक एवं किसी केन्द्र में आवष्यकता से कम कार्यकर्ता न हो, इसका ध्यान रखें।

बायो गैस का उपयोग
जिन अपषिष्ठ प्रबंधन केन्द्रों में बायो गैस डाईजेस्टर लगा हुआ है अथवा लगाये जाने की योजना है, वहां से उत्पादित बायो गैस के उपयोग अथवा विक्रय के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाना सुनिष्चित करें। उन्होंने बायो गैस का पाईप कनेक्षन देने के लिए संबंधित संस्थाओं से समन्वय स्थापित करने कहा है।

झाडू लगाने के लिए कर्मचारियों का चिन्हांकन
कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक वार्ड में झाडू लगाने के लिए कर्मचारियों का चिन्हांकन जरूरी है। उन्होंने कहा कि वाडों में झाडू लगाने एवं नालियों की सफाई के लिए किस कर्मचारी की ड्यूटी किस स्थान पर लगाई गई है- इसकी भी जानकारी लोगों को होनी चाहिए।

पोर्टल में हो जानकारी
निगम क्षेत्र में चलाये जा रहे साफ-सफाई  से संबंधित सभी कार्यो की जानकारी को प्रदर्षित करता हुआ एक पोर्टल बनाने के निर्देष कलेक्टर ने दिये है। उन्होंने कहा कि इससे सभी लोगों को शहर की साफ-सफाई के लिए संचालित गतिविधियों की जानकारी होगी।
आर्गेनिक कचरे को नहीं फेंकने के निर्देष
कलेक्टर ने आर्गेनिक कचरे को खुले में नहीं फेंकने के निर्देष दिये है। उन्होंने कहा कि सभी आर्गेनिक कचरे को बायो डाईजेस्टर में डालकर उसकी आर्थिक उपयोगिता सुनिष्चित की जाये। इससे वातावरण में दुर्गन्ध भी नहीं फैलेगा तथा कचरे से बायो गैस बनाया जा सकेगा।

एस.एल.आर.एम. केन्द्रों का आकलन
कलेक्टर ने निगम क्षेत्र अन्तर्गत संचालित एस.एल.आर.एम. केन्द्रों में जल एवं विद्युत व्यय सहित अन्य गतिविधियों का सूक्ष्मतापूर्वक आकलन करने के निर्देष दिये है। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों के भूमि का समुचित उपयोग सुनिष्चित करें। इस अवसर पर जिला पंचायत सी.ई.ओ.  आर. एक्का एवं डिप्टी कलेक्टर  सुमीत अग्रवाल उपस्थित थे।