आखिर श्रमिक हित को कब तक किया जाएगा नजरअंदाज ?

श्रमिक हितों की अनदेखी पर चिरमिरी से  रवि सावरे की खास रिपोर्ट

कोरिया

केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा तथा उनके कल्याण के उपायों के लिए कई योजनाएं लागू हैं। जिले में भी श्रमिकों के पंजीयन व योजनाओं का लाभ देने के उद्देश्य से वर्ष 2009 में श्रम कल्याण विभाग की स्थापना की गई। शुरूआत में श्रमिकों में पंजीयन के प्रति काफी उदासीनता रही।

ऐसे में उन्हें सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। पिछले वर्षो में श्रमिकों में पंजीयन के प्रति रूझान बढ़ा। उन्होंने पंजीयन के बाद विभिन्न योजनाओं में हितलाभ के लिए आवेदन भी किए लेकिन वे अब भी कई योजनाओं में हितलाभ से वंचित हैं। जिसके चलते उन्हें पंजीयन के बाद मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पा रही।

साढ़े 14 हजार श्रमिक
जिला के  श्रमिकों को पंजीयन बैकुन्डपुर में होता था, लेकिन उस दौरान किसी भी श्रमिक का पंजीयन नहीं हुआ। जिला बनने के बाद वर्ष 2010 में श्रम विभाग कार्यालय की स्थापना हुई। कार्यालय शुरू होने के बाद कुछ समय तक श्रमिकों में पंजीयन के प्रति उदासीनता रही और काफी कम पंजीयन हुए लेकिन बाद में पंजीयन तेजी से हुआ। जिले में अब तक लगभग  10 हजार से अधिक श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं।
Workers harm in chirmiri korea 1
ये हैं योजनाएं
श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों के लिए समूह बीमा, दुर्घटना सहायता, अन्त्येष्टि सहायता व अनुग्रह भुगतान, शिक्षा सहायता, मेधावी विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार, प्रसूति सहायता, महिला हिताधिकारी व पुत्री विवाह सहायता, गंभीर बीमारी पुनर्भरण, निजी आवास ऋण आर्थिक सहायता, स्टील टिफिन वितरण व निशुल्क साइकिल वितरण आदि योजनाएं हैं, जिनका लाभ आमजन ले सकता है।

कई बार लगाई गुहार
श्रमिकों को हितलाभ नहीं मिलने को लेकर श्रमिक संगठनों की ओर से कई बार इसे दिए जाने की गुहार लगाई। इस सम्बंध में श्रम विभाग अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए। इसके बावजूद किसी ने अब तक उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया और उन्हें हितलाभ की सुविधा का फायदा नहीं मिल पा रहा।

इनमें नहीं मिला फायदा
श्रमिकों की ओर से विभिन्न योजनाओं में हितलाभ के लिए करीब 5 हजार आवेदन किए गए। जिनमें से महज 2000 आवेदनों में ही श्रमिकों को हितलाभ मिल सका। इनमें भी केवल शिक्षा सहायता योजना और साइकिल सहायता वितरण योजना में ही कुछ श्रमिकों को हितलाभ मिल सका है। जबकि हिताधिकारी की सामान्य या दुर्घटना में मृत्यु व घायल होने की दशा में सहायता योजना, विवाह सहायता योजना, प्रसूति सहायता योजना आदि में तो ना के बराबर श्रमिकों को हितलाभ मिल पाया है।

यह बताते कारण
श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं में हितलाभ नहीं मिलने को लेकर विभाग में अधिकारियों व स्टाफ की कमी को कारण बताया जा रहा है। यहां किसी भी अधिकारी की नियुक्ति नहीं है वहीं स्टाफ का भी खासा टोटा है। अन्य जिलों के जिन अधिकारियों के पास यहां का अतिरिक्त कार्यभार है वे समय के अभाव के कारण यहां केवल सप्ताह में एक दिन ही आ पाते हैं। ऐसे में आवेदनों की जांच सहित श्रमिकों को हितलाभ देने की प्रक्रिया लम्बित पड़ी रहती है।

के.के सिंह श्रम निरिक्षक कोरिया जिला
विभाग की ओर से श्रमिकों के पंजीयन और सभी पात्रों को हितलाभ देने के लिए कवायद की जा रही है। आवेदनों की जांच और हितलाभ की प्रक्रिया में स्टाफ और समय की कमी के चलते कुछ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले दिनो मे सभी श्रमिको का पंजीयन कर विभाग कि ओर से  मिलने वाले लाभ को श्रमिको तक पंहुचाया  जएगा।