एक स्कूल … जंहा के बच्चे पढते पढते हो जाते है बेहोश

  • अजीबो गरीब बिमारी से पिड़ीत हो रहे है स्कूली बच्चे
  • स्कूल में पढते पढते अचानक हो जाते है बेहोश, दो से चार घंटे बाद आता है होश
  • शिक्षक अभिभावक सभी परेशान,

कोरिया ( सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट )
विकासखंड सोनहत अंर्तगत स्थित माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला कैलासपुर के छात्र अजीबो गरीब बिमारी से पीडि़त है। इसं संबंध में  मिली जानकारी अनुसार कैलासपुर के छात्र कक्षा में पढते वक्त अचानक बेहोश हो जाते है और फिर काफी देर बाद उन्हे होश आता है । उल्लेखनीय है की कैलासपुर स्कूल प्रांगण में माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला दोनों स्थित है जिसमें से दोनों स्कूलों के पांच पाचं बच्चे इस बीमारी से ग्रसित है इस संबंध में प्राथमिक शाला से शिक्षिका शौलिना एक्का एवं माध्यमिक शाला से प्रधान पाठक आर बी सिह ने जानकारी देते हुए बताया की बच्चे कक्षाओं में पढते रहते है जिसके बाद उनके सिर में अचानक दर्द होना बताते है और फिर बेहोश जैसे हो जाते है यहां तक की उन पर पानी का छिड़काव आदी करने पर भी उन पर कोई असर नही होता है । शिक्षकों ने बताया की कई बार बच्चे घंटों बेहोश हो जाते है जिससे भारी परेशानी होती है उक्त स्थिती में उनके पालकों को स्कूल बुलाना पड़ता है कई बार बच्चों के बेहोश होने केkailashpur school , korea , cg 2 बाद होश में आने पर स्कूली शिक्षक स्वयं उन्हे अस्पताल अथवा घर तक पहुचाते है।  वहीं बच्चों के पालकों से बात करने पर उन्होने भी स्वीकार किया की बच्चे स्कूल के अलावा घरों में भी अचानक बेहोश हो जाते है साथ ही उन्होने जानकारी देते हुए बताया की बच्चों को कई बार सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पताल बैकुन्ठपुर आदि में दिखाया जा चुका है लेकिन सामान्य अवस्था में उनकी बिमारी का पता नही चल पाता है पालकों का यह भी कहना है की डाक्टर उन्हे स्वस्थ्य बताते है।

चिरायु टीम कर चुकी है स्वास्थ्य परीक्षण
उल्लेखनीय है की शासन द्वारा प्रदेश के हर विकासखंडों के स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिरायू टीम भी कैलासपुर में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर चुकी है इस संबंध में जब चिरायू टीम के डाक्टर अरविंद यादव जी से बात की गई तो उन्होने बताया की कैलासपुर माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शाला के अलावा आंगन बाड़ी के सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है  जिसमें विटामिन ए की कमी वाले बच्चे ज्यादा पाए गए थे जिन्हे जांच उपरांत आवश्यक दवाईयां दी गईं थी। हलाकी डा यादव ने बताया की स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों के अचानक बेहोश हो जाने की जानकारी दी थी लेकिन स्वास्थ्य परीक्षण के दिन लगभग सभी बच्चे स्वस्थ्य थे और जांच के दौरान ऐसी कोई भी बिमारी नजर नही आई

आर्दश विद्यालय है कैलाशपुर
गौरतहब है की ग्राम कैलासपुर का मिडिल स्कूल आर्दश विद्यालयों में गिना जाता है साथ ही यहां की शिक्षा गुणवत्ता एवं व्यवस्था अन्य kailashpur school , korea , cg 3विद्यालयों की तुलना में काफी अच्छी है इस कारण बच्चों के इस तरह अचानक बिमार होने से शिक्षकों को उनकी काफी चिंता रहती है। साथ ही किसी बच्चे के अचानक बेहोश होने स्कूल का अध्यापन कार्य भी प्रभावित होता है।

दूसरे स्कूलों में भी परेशानी 
कैलासपुर ग्राम के ग्रामीणों ने बताया की यहां के कुछ ऐसे छात्र छात्रांए भी है जो यहां से पढ कर अब हाई स्कूल में दाखिला ले चुके है उन्हे वहां पर भी इस तरह की परेशानी होती है।

क्या कहना है इनका

नूतन बाई ,पालक मेरी बच्ची कैलाशपुर स्कूल में पढी है उसे अचानक सिर में दर्द होने के बाद कुछ होता है और फिर बेहोश हो जाती है
एस एल राजवाड़े, पालकमेरी बच्ची तो कल ही स्कूल में अचानक बेहोश हो गई थी कुछ देर बाद उसे होश आया फिर सामान्य हो गई । कई बार डाक्टरों को भी दिखा चुका हूं
आर बी सिंह ,प्रधान पाठक मा.शा. कैलाशपुर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है इसके लिए सभी शिक्षकों को भी बच्चों का विशेष घ्यान रखने कहा गया है।
श्री नारायण दुबे,  प्राचार्य कन्या हाई स्कूल हमारे विद्यालय में भी एक छात्रा को इस तरह के परेशानी हो चुकी है और वो भी छात्रा कैलासपुर की ही निवासी है तीन माह पुर्व उसे इस तरह की परेशानी हुई थी उसके बाद से सामान्य है।
डाँ. आर पी सिह , बी एम ओ सोनहत इस तरह की जानकारी मिली है हलाकी चिरायू टीम सतत स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है और कैलासपुर में भी स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है लेकिन फिर भी इस तरह की परेशानी है तो अलग से भी चिकित्सकों को भेजा जावेगा
शोभ नाथ सिंह बी ई ओ सोनहत चिरायू टीम लगातार स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है जिसके माध्यम से कई बच्चों को काफी लाभ भी हुआ है । कैलासपुर में भी स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है फिर ऐसी बात होगी तो मैं स्वयं वहां जाकर देखता हूं इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों से भी बात की जावेगी