विडियो : एक टोकन जिसे देखकर कार्यवाही करने से घबराते हैं. पुलिस, आरटीओ और खनिज विभाग के अधिकारी!..

बलरामपुर.. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने काले कारोबारियों पर नकेल कसने का जितनी तेजी से दम भरा था… काला कारोबार और खनिज की अफरा-तफरी करने वाले उतनी ही तेजी से सक्रिय हो गए हैं.आलम तो यह है कि.. सरगुजा संभाग में इन दिनों ग्रेनाइट गिट्टी की अफरातफरी जमकर हो रही है. और पुलिस ,आरटीओ, खनिज विभाग के अधिकारी उत्तरप्रदेश मे बैठे एक दलाल की सीधे सांटगांठ कर लाखो का वारा न्यारा कर रहे हैं. जो इन तीनो विभाग को महीना पहुंचाकर एक टोकन जारी करता है..पर इस मामले में अबतक कागजी खानापूर्ति के अलावा कोई बड़ी कार्यवाही नही हुई है..और शायद ऐसा प्रतीत होता है कि ..किसी भी सरकारी नुमाइंदे में कार्यवाही करने का दम ही नही है…

देखे वीडियो…

बता दे कि सरगुजा संभाग पडोसी राज्य उत्तरप्रदेश, झारखंड और मध्यप्रदेश की सरहद पर बसा है. और यही वहज है कि यहाँ के खनिज संपदा कोयला और बॉक्साइट के अलावा ग्रेनाइट पत्थर पर अक्सर पडोसी राज्य के मुनाफाखोरो की टेढी नजर बनी रही है. सरगुजा संभाग के सरगुजा जिले और बलरामपुर और जिले मे ग्रेनाइट पत्थर की प्रचुरता होने के कारण वहां पर दर्जनों व्यापारियों ने अपने-अपने वैध व अवैध क्रेशर खोल रखे हैं.. जहां से इन दिनो ग्रेनाइट गिट्टी ओवर लोड ट्रको के माध्यम से उत्तरप्रदेश और झारखंड ले जाई जा रही है.. वैसे ये ओवर लोड भारी भरकम ट्रक बलरामपुर जिला मुख्यालय से होकर गुजरती हैं. लेकिन पुलिस , आऱटीओ और खनिज विभाग के अधिकारियो मे दम नहीं की इनको रोक लें..

जानकारी के मुताबिक अम्बिकापुर के परसा इलाके और बलरामपुर के बरियों इलाके से ओवर लोड गिट्टी ले जाने वाले ट्रकों के ड्रायवरो के मुताबिक एक दलाल प्रति ट्रक 16 से 20 हजार लेकर आरटीओ , खनिज और पुलिस अधिकारियों का मुँह बन्द करने की परंपरा का निर्वहन करता है.

वही इस मसले पर सरगुजा रेंज आईजी का कहना था कि ” अगर इस तरह टोकन के माध्यम से गलत काम हो रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी”…

दरअसल सरगुजा से ओवर लोड गिट्टी उत्तरप्रदेश या झारखंड ले जाना कोई अपराध नहीं. तो ये जानना बेहद दिलचस्प हो जाता है कि जब अपराध नहीं तो आखिर छत्तीसगढ के सरगुजा की पुलिस , आऱटीओ और खनिज विभाग वाले मोटी रकम लेकर टोकन जारी क्यों करवा रहें हैं. पिछले 6 महीने से जारी अवैध परिवहन के इस खेल मे खनिज विभाग और जीएसटी जैसे तमाम करो को जोडा जाए.. तो औसतन 200 ट्रक प्रति दिन के हिसाब से अब तक छत्तीसगढ सरकार को 20 करोड रुपए से ज्यादा का चूना लगाया जा चुका है. लिहाजा राजस्व चोरी के इस बडे मामले पर सरगुजा संभाग आय़ुक्त से चर्चा की तो उन्होने भी कुछ रटा रटाया जवाब देकर पलडा छाड लिया!..