फिक्र को धुएं में उडाते छात्र : प्रशासन मौन

  • स्कूलों से लगे पान ठेले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उलंघन

अम्बिकापुर(दीपक सराठे)

नगर में ऐसे कई शासकीय व निजी स्कूल है जिसके अहाते से लगकर पान के टपरो की लम्बी लाइन छात्रों के जीवन को छोटा कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी भी शैक्षणिक संस्थान से 100 मीटर दूरी का अंतर पान ठेला का होना जरूरी है। परंतु शहर में इस आदेश का खुले आम उलंघन हो रहा है। बात चाहे नगर के स्कूल रोड़ की हो या फिर नगर निगम के सामने स्थित केदारपुर स्कूल के आसपास की। काॅलेज व अन्य स्कूलों के सामने पान दुकानों की लम्बी कतार लगी हुई है। यही नहीं स्कूली बच्चे स्कूल से निकलकर सीधे पान की दुकान में अपना जमावड़ा लगाते दिख सकते है।

केदारपुर स्कूल से लगे पान की दुकानों के पीछे खड़े होकर छात्रों को चाय की चुस्कियों के साथ-साथ सिगरेट के कश लेते हुए भी देखा जा सकता है। हालही में एक आदेश सामने आया था कि नाबालिग बच्चों व स्कूली छात्रों को सिगरेट, गुटखा देने पर पान दुकान संचालकों पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है। इन सब के बावजूद पान की दुकानों में नाबालिग छात्रों की भीड़ न सिर्फ लगी रहती है, बल्कि वहां बेखौफ उन्हे सिगरेट, गुटखा बिक्री किया जा रहा है।

उसके लिए तीन दिन पहले कलेक्टर के निर्देश पर कुछ पान दुकानों से जर्दा युक्त गुटखा व जर्दा को जब्त करने की कार्यवाही भी की गई थी। कुछ माह पहले एडिसनल एसपी श्री सिरमौर ने भी कलेक्टोरेट मुख्य द्वार पर लग रहे पान दुकानों पर छात्रों की भीड़ देखकर वाहन रोक वहां से दुकानों को हटवाया था। इसके बावजूद स्कूलों से लगकर नगर में कई स्थानों पर पान की दुकान संचालित की जा रही है। केदारपुर स्कूल से लगे पान के टपरों के पीछे की हालत देखी जाये तो शराब की बोतलों सहित उनके डिब्बों का जखीरा बरामद किया जा सकता है। यहां पूरे दिन छात्र ठेलों की ओर से सिगरेट के धुएं में अपना जीवन अंधकार मय करते दिखाई देते है। सब कुछ जानते व देखते हुये भी पुलिस व प्रशासन ने अब तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया