राज्योत्सव के दूसरे दिन शिल्प ग्राम में भारी भीड़ : बहुत कुछ है यहां देखने और खरीदने के लिए

रायपुर 

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर में ग्रामोद्योग विभाग का शिल्पग्राम लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना है। राज्योत्सव के दूसरे दिन आज यहां शिल्प ग्राम में लोगों की भारी भीड़ रही। यहां प्रदेश के प्रसिद्ध शिल्पकारो,ं  कुशल कारीगरों और श्रेष्ठ बुनकरों द्वारा निर्मित घरेलू उपयोगी सामान, विभिन्न देवी-देवताओं की आकर्षक मूर्तियां, कलात्मक सजावटी सामान, चादर, दरी, साड़ी एवं ड्रेस मटेरियल सहित बहुत कुछ देखने और खरीदने के लिए उपलब्ध है। शिल्पग्राम में छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर आधारित शिल्पों का अनूठा संग्रह है।
शिल्प ग्राम में एकताल (रायगढ़) के प्रसिद्ध बेलमेटल शिल्पी श्री उदयराम झारा, किडईचेपरा (कोण्डागांव) के प्रसिद्ध लौह शिल्पी श्री तातीराम विश्वकर्मा, कांकेर के काष्ठशिल्पी श्री अशोक टिंगे, जगदलपुर के काष्ठ शिल्पी श्री सुशील चंद्र नाग, चांपा के प्रसिद्ध पैराशिल्पी श्री शिवेन्द्र देवांगन और नारायणपुर जिले की कारेबाई एवं मंगलदाई के बांस से निर्मित सूपा, टोकनी, पिसवा एवं चिट्ठी-पत्री बाक्स लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। शिल्प ग्राम में जाज्वल्यदेव बुनकर सहकारी समिति जांजगीर, कबीर कोसा बुनकर सहकारी समिति चाम्पा, दुर्ग बुनकर सहकारी समिति दुर्ग, लक्ष्मी बुनकर सहकारी समिति उमरेली जिला कोरबा, गांधी बुनकर सहकारी समिति हीरापुरा जिला रायगढ़ सहित 25 विभिन्न बुनकर सहकारी समितियों और हाथ करघा विकास एवं विपणन संघ के 17 स्टालों में कोसा साड़ी एवं ड्रेस मटेरियल का भी विशाल संग्रह है। यहां खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रधानमंत्री रोजगार  सृजन कार्यक्रम के तहत अगरबत्ती एवं रेडीमेट गारमेंट का भी स्टॉल लगा है। शिल्प ग्राम में रेशम विकास के तहत कोसा मोटराइज्ड रीलिंग मशीन का प्रदर्शन भी लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। यहां कोसा कृमि पालन, कोसा धागाकरण एवं कोसा प्रगुणन कैम्प का जीवंत चित्रण किया गया है। शिल्प ग्राम में कुम्हारों और माटी शिल्पियों द्वारा विद्युत चाक से मिट्टी के विभिन्न प्रकार के कलात्मक पाट बनाए जा रहे हैं, जिसका लोग बड़ी उत्सुकता से अवलोकन कर रहे हैं।