राजनाथ सिंह केवल मुख्यमंत्री रमन सिंह को बचाने में गंभीर हैं : कांग्रेस

रायपुर 02 दिसंबर 2014
चिंतागुफा के निकट माओवादियों के एम्बुष की बड़ी घटना के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेष कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेष बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि माओवादी समस्या को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य की भाजपा सरकार द्वारा दस साल में हर बड़ी घटना के बाद दिये गये बयानों को ही दोहराते हुये समस्या का समाधान के बड़ी-बड़ी खोखली बातें तो की लेकिन इस समस्या का समाधान कैसे होगा और क्या-क्या किया जायेगा इस पर खामोष रहे। दो दिन पहले राज्य सरकार के 2400 करोड़ की मांग को ठुकराने वाली केंद्रीय सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किये गये दोनो सरकारों के मिलकर काम करने की दावों में कहीं कोई सच्चाई नहीं दिखी।
आज स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ की माओवादी समस्या को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कदापि गंभीर नही हैं ? राजनाथ सिंह केवल मुख्यमंत्री रमन सिंह को बचाने में गंभीर हैं। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बिलासपुर नसबंदी कांड में सिर्फ दिल्ली से जबानी जमा खर्च किया और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रायपुर आकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सुकमा जाकर घटनास्थल तक जाने का साहस नहीं जुटा पाये। सीआरपीएफ के आई.जी. जैसे वरिष्ठ अधिकारी यदि सुकमा जिले के चिंतागुफा के आॅपरेषन में थे तो जिला पुलिस बल की प्रतीकात्मक उपस्थिति तक भी नहीं होने से भी बहुत से सुलगते सवाल खड़े होते हंै।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह जवाब दें कि-
(1) ऐसी चूकें बार-बार क्यों हो रही हैं। ?
(2) इन बड़ी भयंकर चूकों के लिये जिम्मेदार अधिकारी को चिन्हित कर उसके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जाती ?
(3) आखिर कब तक ऐसी चूकें होती रहेंगी और जवान शहीद होते रहेंगे ?
(4) माओवादियों के प्रभाव क्षेत्र में बड़ी रकम खर्च करने चलाया जा रहा सरकार का सूचना तंत्र कहां है और क्यों कुछ नहीं करता है ?
वर्तमान खुफिया तंत्र के प्रमुख को 2010 की शुरूआत में काम संभालने के बाद से 2014 के अंत तक 5 वर्षों में चिंतलनार अप्रेल 2001, सारकेगुड़ा, आरसमेटा, जीरम घाटी मई 2013 एवं फरवरी 2014, सुकमा नवंबर 2013 और दिसंबर 2014 सहित 7 बड़ी घटनायें और अनेकों घटनायें हुयी हैं। सुरक्षा तंत्र की चूक की बात सामने आये और स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकार करने के बाद भी सुरक्षा तंत्र के प्रमुख पर कोई कार्यवाही न करने से स्पष्ट है कि भाजपा सरकार राजनैतिक कारणों से एस.आई.बी. का और एस.आई.बी. को आबंटित सोर्स मनी का लगातार दुरूपयोग कर रहे हैं। इसलिए तमाम विफलताओं और बड़ी-बड़ी घटनाओं में स्वयं इंटेलीजेंस में चूक की बात स्वीकार कर पाने के बावजूद छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार आज तक सुधार करने की बात तो दूर रही कारण पूछ पाने में भी असमर्थ रही है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि सूचना तंत्र की चूक को जिम्मेदार ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से बारबार बचने का प्रयास मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह न करे।