महाअष्ठमी….. चिलचिलाती धूप में दर्शन के लिए कतार मे खड़े रहे श्रद्धालु

  • महाष्टमी पर हुई शक्ति की भक्ति ,
  • मंदिरों में उमड़ा जनसैलाब

 

अंबिकापुर
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर भक्तों की श्रद्धा परवान पर रही। हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने नगर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर में श्रद्धा अर्पण किया और भक्तों के द्वारा प्रज्जवलित किये गये मनोकामना ज्योति कलश का दर्शन किया। भक्तों की अपार भीड़ तड़के से ही मंदिरों की ओर हो रही थी। मां दुर्गा शक्तिपीठ, मां काली मंदिर शंकरघाट, मां समलाया मंदिर, मां वनेश्वरी देवी सांड़बार, मां गायत्री मंदिर, मां काली मंदिर चोपड़ापारा, संत हरकेवल मंदिर के अलावा सूरजपुर जिला अंतर्गत आनेवाले कुदरगढ़ धाम में लाखों भक्त दर्शन के लिये पहुंचे। लम्बी कतारों के बीच भक्तों की श्रद्धा उमड़ी। मंदिरों में सेवक व पूजन समिति के कर्ताधर्ता भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न होने पाये इसका ख्याल रख रहे थे। मातारानी के दरबार में भक्तों की ओर से भण्डारा प्रसाद का वितरण भी किया गया। महामाया मंदिर में भंडारे का आयोजन कई स्थानों पर पंडाल लगाकर भक्तों द्वारा किया गया था। मंदिर में भक्तों का जनसैलाब इस कदर उमड़ा था कि चिलचिलाती धूप में भी श्रद्धालु कतार लगाकर माता के दर्शन के इंतजार में घंटो खड़े रहे।

 

वनेश्वरी देवी मंदिर में सामुदायिक कन्या भोज आज
नगर से लगे बिलासपुर मार्ग पर हरे-भरे वनों के बीच स्थित मां वनेश्वरी देवी के मंदिर में पांच अप्रैल को नवमी के दिन सामुदायिक कन्या भोज का आयोजन वनेश्वरी सेवा समिति के द्वारा किया गया है। मां वनेश्वरी देवी के स्थान के बारे में मान्यता है कि जो भी यहां आता है उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है। मंदिर के बैगा रामजीत चैधरी ने बताया कि मां वनेश्वरी देवी यहां स्वयं प्रकट हुई थी। प्राचीन काल से चली आ रही पूजा के बाद आस्था का सैलाब यहां उमड़ पड़ता है। वर्तमान की बात करें तो यहां लोगों की आस्था इस कदर बढ़ गई है कि मां वनेश्वरी देवी का भव्य मंदिर व साथ में संकट मोचन, हनुमान मंदिर, शंकर मंदिर, मां दुर्गा मंदिर व राधाकृष्ण मंदिर भी स्थापित किया जा चुका है। पूरे साल यहां मंगलवार को भंडारे का आयोजन किया जाता है।

 

NEWS 8 PHOTO 2रामनवमी से पूर्व निकली भव्य शोभायात्रा
रामनवमी की पूर्व संध्या पर नगर के श्रीराम मंदिर भजनाश्रम से भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकली। महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं। श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है। भव्य शोभायात्रा बाजे-गाजे के साथ श्रीराम मंदिर से होते हुये ब्रम्ह रोड, संगम चैक, महामाया चैक, सदर रोड से वापस श्रीराम मंदिर पहुंची। शोभायात्रा में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रामनवमी के अवसर पर स्थानीय श्रीराम मंदिर में वर्षों से रामलला के जन्मोत्सव का आनंद लेने लोगों का सैलाब उमड़ता है। रामनवमी की पूर्व संध्या पर नगर के श्रीराम मंदिर भजनाश्रम से बाजे-गाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकली, जिसमें आगे-आगे साधु-संत चल रहे थे उनके पीछे भगवान श्रीराम और सीता की झांकी थी। शोभायात्रा सायं चार बजे श्रीराम मंदिर से निकली जो ब्रम्ह रोड, संगम चैक से महामाया चैक, सदर रोड, जयस्तम्भ चैक होते हुए देर शाम श्रीराम मंदिर पहुंची। श्रद्धालुओं ने चैक-चैराहों व रास्तों में शोभायात्रा का स्वागत किया। नगर में निकली शोभायात्रा के कारण नगर भक्तिमय रहा। महिलाएं जिस कलश को लेकर शोभायात्रा में निक ली थीं उसी जल से ध्वज की पूजा की जायेगी। बुधवार को श्रीराम जन्मोत्सव का आयोजन किया जायेगा। सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठड्ढान आरम्भ हो जायेगा। मंदिर का कपाट सुबह से ही बंद कर दिये जायेंगे जो श्रीराम जन्मोत्सव के समय 12रू00 बजे भये प्रकट कृपाला की गूंज के साथ रामलला के दर्शन के लिए खोल दिया जायेगा। इस दौरान श्रद्धालुओं के भजन-कीर्तन की गूंज के बीच लोग मंत्रमुग्ध रहेंगे, वहीं नगर के सभ्रांतजनों की ओर से गरीबों को नारायण भोज प्रतिवर्ष की भांति कराया जायेगा।