मरते दम तक करेंगे न्याय का इंतजार : मीना खलखो मामला

मीना खलखों के माता पिता ने महिला अधिकार मंच में बुलंद की आवाज

अम्बिकापुर

महिला अधिकार मंच के आव्हान पर आज अम्बिकापुर में महिला हिंसा से जुडे मुद्दों पर धरना प्रदर्शन किया गया । जिसमें विभिन्न जनसंगठन , महिला संगठन शामिल हुए है। संभाग के निम्न ज्वलंत समस्याओं के त्वरीत निराकरण के लिए संयुक्त मांग पत्र कमिश्नर व आईजी को सौंपा गया । धरने में आदिवासी बालिका मीना खलखों के माता पिता ने कहा कि वे अपनी पुत्री को न्याय दिलाने मरते दम तक संघर्ष करेंगे।

गौरतलब है  कि 6 जुलाई 2011 को ग्राम कर्चा- नवाडीह , थाना चांदो क्षेत्र , जिला बलरामपुर मेें अवयस्क आदिवासी बालिका मीना खलखों की बलात्कार और हत्या हुई थी । जिसकों लेकर ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों के द्वारा काफी विरोध किया गया था । 26 जनवरी 2015 को इस घटना के विषय में जो न्यायिक जांच रिपोर्ट न्यायाधीश श्रीमती अनिता झा ने प्रस्तुत की है । उसमें उनके स्पष्ट निष्कर्ष कर रहे है कि मीना कोई नक्सली नहीं थी, वह नजदीक से पुलिस गोलियों की शिकार हुई थी । पुलिस ने जो मुठभेड़ की कहानी की गढ़ी व झूठी और बनावटी थी । और मीना के साथ यौन हिंसा भी हुई थी । इस रिपोर्ट को विधान सभा की पटल पर रखने के पश्चात जुलाई 2015 में तत्कालीन चांदो पुलिस के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है। धरना स्थल पर उपस्थित महिलाओं ने यौन हिंसा के इस गंभीर प्रकरण पर त्वारीत आक्र सक्षम कार्यवाई करने की मांग किये है। तथा वहां उपस्थित अन्य महिलाओं ने भी कहा कि हाल में चिरमिरी क्षेत्र में चर्चाे पर हमलों की लगातार घटनाए हुई है। इसमें हिन्दीत्ववादी संगठनों ने सक्रिय भूमिका निभाई है। हालांकि इन हमलों को एक बालिका के कथित यौन उत्पीड़न के विरोध का स्वरूप दिया जा रहा है। हम समस्त संगठन इस साम्प्रदायिक हिंसा का पुरजोर विरोध करते है जो महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बहुत संवेदनशील है। जिस पर उन लोगों ने मांग किये कि उक्त साम्प्रदायिक हिंसा से सम्बंधित जो अपराध थानो में दर्ज हुई है उस पर भी त्वरित और सक्षम कारवाही करें।
संभाग में परित्यक्ता महिलाओं और मानव तस्करी के मुद्दो पर विभिन्न महिला संगठन गैर सरकारी संस्था और मानव अधिकार संगठन काम करते आ रहे है इन दोनों मुद्दों पर संभाग स्तर पर एक जिम्मेदार कार्य दल का गठन करे जिनके समक्ष ये संगठन अपने जांच रिपोर्ट , और प्रकरणों की धीमी प्रगति के संबंध में लक्षित चर्चा कर पी़िड़त महिलाओं को राहत दिला सके । इस धरना प्रदर्शन में नीलू वैष्णव , नन्दकश्यप , अमरनाथ पांडेय ,सरिता , बिमला , अर्चना गुप्ता , कमती साहू आदि सक्रिय थे ।