पर्यटन स्थल मैनपाट मे मोबाईल की रोशनी के सहारे होता शासकीय कार्य 

बिजली का आंख मिचौली से परेशान लोग !

कई कई दिन तक पर्यटन क्षेत्र मैनपाट के लोग रहते है अंधेरे मे   

 अम्बिकापुर 

छत्तीसगढ़ के पर्यटन नक्से मे अपनी अलग पहचान बना चुका मैनपाट विद्युत विभाग की अव्यवस्था का दंश झेलने को मजबूर है । खूबसूरत मैनपाट पहाडी मे स्थित चार दर्जन से अधिक गांव विद्युत व्यवस्था की बदहाली के अब आदी हो चुके है । इस बदहाली की मूल वजह की बात करे तो मैनपाट विकासखण्ड सरगुजा जिले मे स्थित है,  लेकिन जानकारी के मुताबिक इस इलाके मे विद्युत आपूर्ति सरगुजा जिले के साथ रायगढ जिले से की जाती है । इतना ही नही पहाडो के ऊपर बसे मैनपाट तक बिजली पंहुचाने के लिए जंगली और पहाडी रास्तो को उपयोग किया गया है, यही वजह है कि आंधी तूफान ,बिजली पानी जैसी प्राकृतिक आपदा की वजह से विद्युत खंभे क्षतिग्रस्त हो जाते है और फिर फाल्ट खोजने मे विभाग के लोगो को कभी तीन चार दिन तो कभी हफ्ते लग जाते है । जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को ब्लैक आउट मे रात गुजारनी पडती है ।  गौरतलब है कि मैनपाट मे जंगली जानवर जैसे भालू,  जंगली सुअर,  और हाथी जैसे जानवरो का आमदरफ्त बनी रहती है ऐसे मे अगर पहाडी और पर्यटक क्षेत्र मैनपाट मे विद्युत व्यवस्था जल्द दुरूस्त नही की गई तो फिर लोगो की सुरक्षा की बात करनी बेईमानी ही होगी ।

फाल्ट खोजने लगाएंगे एबी स्विच.. सिंह

विद्युत विभाग के कनिष्ठ यंत्री आर.पी.सिंह ने मैनपाट मे बीते तीन दिनो तक बिजली गुल होने की वजह बताया कि पत्थलगांव ट्रांसफार्मर लगने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई थी। अक्सर मैनपाट मे विद्युत गुल होने की परेशानी को लेकर उन्होने बताया कि जंगल के बीच से कई लाईने गई हुई है जहां ग्रामीणो द्वारा सुअर मारने के दौरान फाल्ट आता रहता है। अब इस फाल्ट को तत्काल खोजने के लिए क्षेत्र मे एबी स्विच लगाया जाएगा, जिससे कम समय मे ये पता लगाया जा सकेगा कि फाल्ट किस स्थान के पास है।

सप्लाई बाधित ना करे… एसडीएम

विद्युत बदहाली के दौरान मंगलवार को सीतापुर एसडीएम आर एन सिंह नर्मदापुर स्थित तहसील कार्यालय मे तहसीलदार समेत क्षेत्र के आरआई एंव पटवारियो की बैठक लेने पंहुचे थे, बैठक देर शाम तक चलती रही । लेकिन क्षेत्र मे बाधित विद्युत व्यवस्था के कारण एसडीएम को ढिबरी और मोबाईल की रोशनी मे कर्मारियो की मीटिंग संपन्न करानी पडी । इस संबध मे श्री सिंह ने कहा कि वे वहां की व्यवस्था बहाल करके ही वापस लौटे थे , उन्होने विद्युत विभाग के अधिकारियो को निर्देषित भी किया कि यहां की सप्लाई बाधित ना करे , जहां तक क्षेत्र के ग्रामीण इलाको व जंगलो मे सुअर मारने की बात है तो उन पर कार्यावही करने के लिए मै स्वंय जाने के लिए तैयार हूं।

होना ये चाहिए 

अक्सर विद्युत विभाग मेनटेनेंस के नाम पर करोडो का काम कराती है लेकिन मैनपाट जैसे इलाकों मे जहां जंगली रास्ते से बिजली पंगुता जाती है,  वहां के खंभो को मुख्यालय पहुंच मार्ग के किनारे स्थापित किया जाए,  जिससे सुधार कार्य मे हफ्ते भर का समय ना लगे,  बल्कि चंद घंटो मे सुधार कार्य करा कर लोगो को राहत पंगुता जा सके!