तम्बूरा छोड़ झाड़ू थामने में नहीं होगा संकोच: श्रीमती तीजन बाई

रायपुर 21 अक्टूबर 2014
  • स्वच्छता के नवरत्नों का मुख्यमंत्री ने किया सम्मान
पद्मश्री सम्मान प्राप्त छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय पंडवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई ने कहा है कि पंडवानी के अपने वाद्य यंत्र तम्बूरा को कुछ देर के लिए अलग रखकर स्वच्छता के प्रति जन-जागरण के लिए झाडू थामने में मुझे संकोच नहीं होगा। उन्होंने इस अभियान में भागीदारी के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा है कि राज्य सरकार जो भी जिम्मेदारी देगी, उसका मैं सहर्ष निर्वहन करूंगी। श्रीमती तीजन बाई ने आज यह भी कहा कि इस अभियान से जुड़ने का अवसर मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस महत्वपूर्ण अभियान के प्रति छत्तीसगढ़ में व्यापक जन-चेतना जाग्रत करने के लिए कला-संस्कृति, उद्योग, चिकित्सा और समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले नौ विशिष्टजनों को ‘नवरत्न’ के रूप में शामिल किया है। मुख्यमंत्री ने सभी नवरत्नों को यहां मंत्रालय में आमंत्रित कर स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र और अनुरोध पत्र भेंट कर सम्मानित किया। सभी नवरत्नों ने राष्ट्रीय महत्व के इस कार्यक्रम में उन्हें शामिल करने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। नवरत्नों ने श्रीमती तीजन बाई के अलावा समाज सेवी संस्था विवेकानंद आश्रम रायपुर के स्वामी सत्यरूपानंद, राजनांदगांव की सामाजिक कार्यकर्ता, पद्मश्री सम्मानित श्रीमती फूलबासन यादव, रायपुर के वरिष्ठ चिकित्सक, पद्मश्री सम्मानित डॉ. ए.टी. दाबके, जशपुर जिले के वरिष्ठ समाजसेवी श्री बब्रुवाहन सिंह, भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान, छत्तीसगढ़ निवासी सुश्री सबा अंजुम, रायपुर के ही पद्मश्री सम्मानित फिल्म अभिनेता श्री अनुज शर्मा, भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री चन्द्रशेखरन और बिलासपुर के वरिष्ठ उद्योगपति श्री हरीश केड़िया भी शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह ने नवरत्नों से कहा कि आप सब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। समाज में आप लोगों की अच्छी प्रतिष्ठा और पहचान है। राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान का संदेश आप लोगों के माध्यम से जन-जन तक पहुंच सकता है। डॉ. सिंह ने उनसे इस अभियान में सक्रिय सहयोग का आग्रह किया। नवरत्नों ने उनके इस आग्रह को सहर्ष स्वीकार कर कई सुझाव भी दिए। स्वामी सत्यरूपानंद ने नागरिकों से नालियों में कचरा नहीं डालने की अपील करते हुए कहा कि लोग नालियों को कूड़े दान मत समझें।