क्या इस मंदिर के भगवान हो गए दूषित… 25 वर्ष से नहीं हुई पूजा.. जाने क्या है वजह.?

कोरिया जिले के चिरमिरी नगर निगम वार्ड क्रमांक एक अंतर्गत आने वाले साजापहाड़ गांव शिव मंदिर है । चिरमिरी से 12 किलोमीटर दूरी पर पहाड़ियों के बीच में बसा यह साजापहाड़ गांव जहां पर लगभग 60 साल पुराना एक शिव मंदिर है जो पिछले 25 सालों से बंद पड़ा है।

कोई मंदिर में नहीं जाता है। सब डरते हैं और कहते हैं कि यह मंदिर अछूत हो चुका है। यहां पूजा करने से अनिष्ट हो जाएगा।
किसी स्त्री की पवित्रता को संदिग्ध मानकर उसका अस्विकार करना, तो हमने अक्सर सुना है। लेकिन इंसान भगवान की पवित्रता को ही संदिद्ध मान उसकी पूजा करना अस्विकार कर दे ंतो? छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में चिरमिरी नगर निगम वार्ड क्रमांक 1 क्षेत्रांतर्गत ग्राम साजापहाड़ के शिव मंदिर को अछूत मानकर ग्रामिणों ने उसकी पूजा अर्चना करना बंद कर दिया। लगभग 60 वर्ष पूराने इस मंदिर में 25 सालों से पूजा बंद है।

इस लिए मानते है अपवित्र
ग्रामीण बताते हैं कि करीब 25 साल पहले प्रेमी युगल मंदिर के भीतर आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए थे।
इसके बाद गांव के बुजुर्गों की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें पंडित रामनारायण ठाकुर की उपस्थिति में मंदिर को अशुभ और वहां विराजित मूर्तियों को अछूत मानने का फैसला लिया गया था। इसके बाद यहां पूजा-अर्चना बंद कर दी गई थी और आज तक बंद है। मंदिर में आज भी पत्थर की जलहरी, शिवलिंग और त्रिशूल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद हैं। इसके अलावा यहां देवी-देवताओं की मूर्तियां बिखरी पड़ी हैं..बताया जाता है कि यह शिव मंदिर 60 वर्ष पहले बिरला एण्ड सन्स कंपनी के अधिकारियों ने बनवाया था । कभी इस मंदिर में पूरे विधि-विधान से दो वक्त की आरती होती थी। साजापहाड़ गांव के रामनारायण ठाकुर वहां पूजा करवाते थे। महाशिवरात्रि और सावन में यहां दर्शन के लिए भक्तों का मेला लगता था। पर अब मंदिर तो दूर लोग इसके आसपास आने से भी घबराते हैं।

देख-रेख के अभाव में मंदिर की दीवारों में दरार पड़ती जा रही है। पहाड़ी पर मौजूद मंदिर के परिसर के साथ-साथ मंदिर के चारों तरफ घास और झाडियां उग आई हैं। मंदिर को ही अछूत मानकर पूरे गांव ने उसका बहिष्कार कर दिया है। पोड़ी हनुमान मंदिर पुजारी का कहना है कि भगवान कभी अशुद्ध नहीं होते हैं किसी एक व्यक्ति के द्वारा अशुद्ध कृत किया गया तो किसी स्थान को या भगवान अशुद्ध नहीं कह सकते यह जो लोग मानते हैं अंधविश्वास है सब लोग मिलकर आस्था रखे । और मंदिर को पूजा अर्चना चालू करें नहीं गांव वाले से खेलता हूं।