उप राष्ट्रपति ने किया राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार से जशपुर को सम्मानित

जशपुरनगर (तरुण प्रकाश शर्मा) उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर जशपुर को साक्षर भारत राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया । जिला जशपुर की ओर से जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक सोनी एवं डीपीओ साक्षर भारत शशिकान्त सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया।
कलेक्टर डाॅ. प्रियंका शुक्ला के मार्गदर्शन में जिले में बने सकारात्मक एवं प्रेरक वातावतरण का प्रभाव जिले में दिखाई देने लगा है। जिले में बने इस वातारवरण का ही परिणाम है, कि मात्र 2 हजार रुपए मासिक माह में प्राप्त करने वाले जिले के साक्षर भारत के प्रेरकों ने उत्साह लगन एवं पूरी उर्जा के साथ पिछले एक वर्ष में काम करके यह साबित कर दिया कि रास्ते कितने भी कठिन हों प्रेरक और सकारात्मक वातावरण से लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।

नवसाक्षरों को रोचक ढंग से पढ़ाया
पिछले वर्ष 2016-17 में साक्षर भारत के 411 लोक शिक्षा केंद्रों में प्रेरकों ने पूरे उत्साह के साथ न केवल नवसाक्षरों को पढ़ाया बल्कि प्रेरकों ने सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत उपलब्ध कराई गई  संपर्क किट एवं अन्य नवाचारी गतिविधियों का उपयोग करके रोचक तरीके से शिक्षा प्रदान किया।     रोज पढ़ने की आदत डालने के लिए सभी लोक शिक्षा केन्द्रों में प्रतिदिन समाचार पत्र उपलब्ध कराया गया। प्रेरकों की मदद से ही 23 अपै्रल 2017 को विश्व पुस्तक दिवस के आयोजन में ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। साथ ही इस वर्ष 2016-17 में 11 हजार 473 ने साक्षरता, 2033 ने 5वीं एवं 3604 ने 8वीं की परीक्षा एनआईओएस से उत्तीर्ण की। इसके अलावा 20 अगस्त 2017 को आयोजित राष्ट्र व्यापी महापरीक्षा अभियान में 4000 से अधिक परीक्षा में सम्मिलित हुए। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु कई नवाचारी गतिविधियां की गई। जैसे साक्षरता बंधन, विशेष आमंत्रण पत्र, पीला चावल वितरण आदि। साथ ही लोगों की काउन्सिंलिंग कर उन्हें यह समझाने का प्रयास किया गया कि साक्षर होना क्यों आवश्यक है। और यह किस तरह परिवार की समृद्धि से जुड़ा हुआ है।

पहाड़ी कोरवा महिलाओं के लिए विशेष शिविर का आयोजन
जिले के दूरस्थ विकासखण्ड बगीचा के चूंदापाठ में 50 पहाड़ी कोरवा महिलाओं का 30 दिवसीय क्रियात्मक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षक भी पहाडी कोरवा थे। इस शिविर में कौशल विकास वित्तिय साक्षरता एवं विधिक साक्षरता एवं  जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिले में 24 आदर्श लोक शिक्षा केंद्र बनाए गए। जिनमें उपलब्ध संसाधनों का शैक्षणिक कार्याें के  अलावा युवाओं की काउन्सिलिंग एवं रमन के गोठ, मन की बात कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए भी उपयोग किया गया ताकि अधिक से अधिक लोग लाभांवित हो सके।

कौशल विकास से जुड़े 12 हजार से अधिक युवा 
प्रेरकों ने ग्राम स्तरीय कौशल समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए बारह हजार से अधिक युवाओं को उनकी रूचि के कौशल प्राप्त करने हेतु कौशल विकास से जोड़ा।  साथ ही नवसाक्षरों को भी कौशल विकास से जोड़ा। सेरी कल्चर में 121, निर्माण में 343, कृषि में 1485, वस्त्र निर्माण में 131, पशुपालन में 326 और मत्स्य पालन में 45 नवसाक्षर प्रषिक्षित होकर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।
इसके अलावा 205 प्रेरकों को आईसीटी कोर्स में प्रशिक्षित कर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से ऋण उपलब्ध कराया गया। इनमें से कई वीएलई के रूप कार्य करते हुए 4 से 5 हजार रुपए महिने के कमा रहे है।

प्रधानमंत्री की प्राथमिकता की सभी योजनाओं को स्थानीय लोगों से जोड़ने में योगदान
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम मंे महत्वपूर्ण भूमिका जिले के प्रेरकों ने निभाई है। शौचालय निर्माण के लिए जहां जरूरत पड़ी श्रम दान भी किया। दरवाजा बंद रैली का आयोजन हो या घर-घर जा कर जागरूक करना। जिला कार्यालय द्वारा स्वच्छता जागरूकता के लिए श से शौचालय और टीलू का टायलेट पत्रिका प्रकाशित की गई। जिले के 427 ग्राम पंचायतों को ओडिएफ करने में ना केवल इन्होंने मदद की बल्कि ओडिएफ स्टेटस के लिए सत्यापन में भी मदद की।

मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत् प्रेरकों की मदद से मतदाताओं के 4 हजार 953 नए नाम जोड़े गए जबकि 5395 विलोपित किए गए और 1236 में सुधार किया गया। इच्छुक प्रेरक ने प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास मित्र के रूप में कार्य करते हुए 20212 घरों की जीयो टैगिंग में, नरेगा के अंतर्गत 189588 बैंक खातों की आधार सीडिंग, ग्रामीणों को डिजिटल वित्तिय साक्षरता प्रदान करने में, सुगम्य भारत योजना अंतर्गत 14 हजार दिव्यांगों का सर्वे कार्य करने और स्वावलबंन बीमा योजना में 2 हजार से अधिक दिव्यांगों को जोड़ने, लोक सुराज अभियान में आवेदनक मितान बनकर आवेदनों को भरने में मदद किया। इसके अलावा ग्रामीण जनों को हाथियों के प्रति जागरूकता हेतु 120 प्रेरक के आठ गजमित्र दल ने सराहनिय कार्य किया। प्रेरकों ने 1357 नवसाक्षर महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के तहत् स्वसहायता समूह बनाने,  अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस पर योग प्रशिक्षण, आरटीई के तहत् बच्चों को सर्वेक्षण करने और प्रवेश दिलाने में, 19213 नए बच्चों के जन्म का पंजीयन, 199918 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा से जोड़ने में, 108323 लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 18040 को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और 148920 को जनधन योजना में नए खाते खुलवाने में मदद की।  इसके अलावा उज्ज्वला योजना के अंतर्गत ग्रामीण जनों को फार्म भरवाने, गैस चूल्हा का उपयोग करने में प्रशिक्षित करने में मदद की और इसके लिए गांव में उज्जवला संगोष्ठी का आयोजन किया।

जिले के प्रेरकों के अथक परिश्रम और उत्साह के कारण ही राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार के लिए जशपुर जिले का चयन हो सका है। इनकी लगन और निष्ठा के कारण ही जशपुर जिले को राष्ट्रीय पटल पर अंकित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। मुझे विश्वास है कि यह पूरी टीम को और बेहतर करने के लिए प्र्रेरित करेगा।