इस थाने में मारने वाले पर नहीं, मार खाने वालो पर हुई कार्यवाही..पुलिस ने अखबारों को दी भ्रामक जानकारी

  • इस थाने में मारने वाले पर नहीं, मार खाने वालो पर हुई कार्यवाही
  • पोलिटेक्निक कालेज में घुस कर छात्रो की पिटाई..
  • छात्रो की शिकायत पर नही हुई कार्यवाही, पुलिस छात्रों को ही बता रही है दोषी

 

अम्बिकापुर

 

पोलीटेक्निक कालेज में कुछ बाहरी युवकों ने वहा पढ़ रहे छात्रो को इतनी बुरी तरह पीटा की एक छात्र की हालत देखते ही बन रही थी..पिटाई के बाद नाराज छात्र इन्साफ के लिए गांधीनगर थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुचे जहा उनकी रिपोर्ट तो लिखी गई लेकिन देखते ही देखते कालेज में दबंगई से छात्रो को पीटने वाले राजनैतिक संरक्षण के साथ थाने पहुच गए और छात्रो को समझौता करने की धमकी देने लगे लेकिन बुरी तरह पिट चुके छात्रो ने समझौता नहीं किया..फिर क्या था पुलिस पर भी ऐसा राजनैतिक दबाव बना की पुलिस ने दोनों पक्ष से रिपोर्ट दर्ज कर दी है और मीडिया को बताया की मार खाने वाले छात्रों ने किसी लडकी से छेड़छाड़ की थी जिस पर छात्रो को पीटा गया है..बड़ी बात यह है की थानेदार साहब के सामने चल रहे इस षड्यंत्र को देख कर भी उन्हें नहीं समझ आया की मारपीट के आरोप से बचने के लिए छात्रों पर द्वेषपूर्ण मामला दर्ज कराया जा रहा है..बहरहाल मामला दोनों पक्षों पर दर्ज कर लिया गया है.

कालेज परिसर के अन्दर घुस कर जिन लोगो ने छात्र कृष्णा सोनी को पीटा है उनके राजनैतिक रसूख की कहानी कृष्णा ने बताई की मझे बुरी तरह पीटने के बाद थाने से लेकर अस्पताल तक हर जगह मुझे न्याय के लिए लड़ना पड़ रहा है दूसरे पक्ष के लोग हर जगह सेटिंग जमा कर मेरी शिकायत को कमजोर करने का पूरा प्रयास कर रहे है। कृष्णा ने यह भी बताया की कालेज के कार्यालय के अन्दर हम लोगो को पीटा गया है जिस सम्बन्ध में कालेज प्रबंधन ने मेरे समर्थन में लिखित पत्र भी थाने में दिया है लेकिन पुलिस को इन सब बातो से कोई सारोकार नहीं है। इतना ही नहीं पुलिस ने सांठ गाँठ से बनाई गई कहानी को मीडिया को भी बता कर भ्रमित कर दिया दिया जिसके आधार पर कई अखबारों में भी समाचार कुछ का कुछ छप गया..जानकारी के अनुसार पीड़ित युवक उन अखबारों को उसके खिलाफ भ्रामक खबर प्रकाशन का कारण जानने के लिए नोटिस भेजने की भी तैयारी कर रहा है..

कैसे हुआ विवाद

दरअसल कालेज में पढने वाली दो लडकियों के आपसी विवाद की सुलह कालेज के प्रिंसिपल करा रहे थे और इसी बीच वहा पढने वाले लडको को भी पूछ ताछ के लिए बुलाया गया था और लडकियों के विवाद की शिकायत लेकर पहुचे कुछ परिजन भी कार्यालय में थे और पूछताछ और समझाई के बीच में ही लडकियों के भाई में से एक ने वहा खड़े एक छात्र को कालेज स्टाफ के सामने ही पीटना शुरू कर दिया जिसके बाद आरोपियों ने छात्र कृष्णा सोनी को एक कमरे बंद करके बुरी तरह पीटा और बाहर खडी इनोवा से फरार हो गए।

बहरहाल छात्रो की कालेज के अन्दर पिटाई करने वालो को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस छात्रो पर ही मामला दर्ज कर दबाव बना रही है। सवाल यह है की क्या कोतवाल साहब को थाने में पहचे घायल छात्र की हालत देख कर भी समझ नहीं आया की इतनी बुरी तरह पीटना अपराध की श्रेणी में आता है उनका पहला कर्तव्य रिपोर्ट लिख कर सामने खड़े आरोपियों को गिरफ्तार करना था..लेकिन इन्होने तो उल्टा उन छात्रो पर ही मामला दर्ज कर दिया जिन्होंने महज कुछ वर्ष पूर कालेज की दहलीज पर कदम रखा है अपराध और मारपीट से दूर दूर तक उनका कोई वास्ता नहीं है। शायद इन्ही बरताव की वजह से छात्रो में अपराध करने की भावना का जन्म होता है।

सुरेश भगत थाना प्रभारी गांधीनगर

इस मामले में गांधीनगर थाना प्रभारी सुरेश भगत का कहना है की युवको द्वारा लडकी कोई कमेंट्स करने के बाद मारपीट किये जाने की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया..मामले की जांच की रही है।