Saturday, April 27, 2024

खजुराहो.. मध्य युगीन भारत की शिल्प एवं वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट नमूने

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खजुराहो पत्थरों पर तराशी गई सुंदर कला की नगरी है खजुराहो। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चन्देल राजाओं 950-1050 ईस्वी के मध्य करवाया था। इन...

सांची का स्तूप..

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  साँची भोपाल से 45 कि.मी. की दूरी पर स्थित है साँची। साँची को पूर्व में 'काकणाय', 'काकणादबोट', 'बोट-श्री पर्वत' नामों से जाना जाता था। यहाँ स्थित...

पचमढ़ी— शीतल समीर के झोंकों का स्पर्श

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पचमढ़ी सतपुड़ा पर्वत के मनोरम पठार पर अवस्थित पचमढ़ी का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा अनोखा है कि वहाँ पहुँचकर कोई भी पर्यटक मंत्रमुग्ध सा रह जाता है। ग्रीष्मकाल...

माता चंद्रसेनी के दर्शनमात्र से शरीर में होता है,, ऊर्जा का...

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जहां-जहां धरती पर सती के अंग गिरे थे, वहां-वहां मां दुर्गा के शक्तिपीठ स्थापना स्वमेव मानी जाती है। उसी तरह महानदी व माण्ड नदी के...

खजुराहो और कोर्णाक से कम नही “भोरमदेव”

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छत्तीसगढ,, इतिहास की बहुत सी  कलाओ के  उदाहरण अपने आंचल में समेटे हुए हैं। यहां के प्राचीन मंदिरों का सौंदर्य हर तरह से खजुराहो...