अधिवक्ता की गिरफ्तारी पर जिला न्यायालय में बवाल

  • पुलिस की कार्यशैली पर अधिवक्ता संघ ने उठाई उंगली

अम्बिकापुर

एक अधिवक्ता का थाने बुलाकर उसके साथ मारपीट करने व एक लाख रूपये छोडने के एवज में मारने सहित गंदी गालियां देने का आरोप पुलिस पर अधिवक्ता संघ ने लगाया है। आज दोपहर उस वक्त जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं ने बवाल खड़ा कर दिया, जब पुलिस उक्त अधिवक्ता को पेश करने न्यायालय में लाई। अधिवक्ता संघ ने पुलिस का कार्यशैली पर उंगली उठाते हुये कोतवाली टीआई सुरेश भगत को जमकर खटी खोटी सुनाई।

पीडित अधिवक्ता सुरेंद्र पांडेय ने बताया कि उनके क्लाइंट संदीप एक्का ने  जिला पंचायत में पदस्थ बाबू रामपरवेज सिंह यादव द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से डीआरडीए में सरकारी भवन एलाट करा लेने के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसी को लेकर  संदीप एक्का का वकील होने के कारण रामप्रवेश के पुत्र जिला अस्पताल में पदस्थ बाबू आनंद सिंह यादव व सूरजपुर पुलिस विभाग में पदस्थ उसके दूसरे बेटे संजय सिंह यादव ने न्यायालय में आकर सुरेंद्र पांडेय पर दबाव डाला। पीडित अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें घूस देने की कोशिश की गई। नहीं लेने पर संजय सिंह यादव ने पुलिस होने का धौंस भी दिखाया। बात नहीं बनने पर एक फर्जी शिकायत सुरेंद्र पांडेय के नाम से कोतवाली में कर दी गई। पीडित अधिवक्ता सुरेंद्र पांडेय ने बताया कि कोतवाली में एसआई अब्दुल मुनाफ ने शिकायत करने वालों के सामने उन्हेें गंदी गालियां देते हुये मारपीट की और तो और उन्हें छोडने के एवज में एक लाख रूपये की मांग भी की गई। गिरफ्तार वकील को लेकर जब आज पुलिस  उसे न्यायालय में पेश करने पहुंची तो अधिवक्ता संघ ने बवाल खड़ाकर दिया। संघ का कहना था कि रिश्वत देना भी अपराध है फिर दूसरे पक्ष की गिरफ्तारी पुलिस ने क्यों नहीं की। मौके पर कोतवाली टीआई को देख संघ ने खटी-खोटी सुनाई और मांग करते  हुये कहा कि जिला पंचायत में पदस्थ बाबू रामपरवेज के जाति, निवास व सेटलमेंट के कागजात की जांच की जाये। काफी देर तक जिला न्यायालय में गहमागहमी बनी रही।