सिसकते-सिसकते दम तोड़ दिया बेसहारा कुपोषित शिशु…

[highlight color=”yellow”]अव्यवस्था व अनदेखी का शिकार, खड़े हुए कई सवाल [/highlight]

 

[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight] [highlight color=”red”]“दीपक सराठे”[/highlight]

जिसका कोई माई-बाप नहीं होता उसके लिए स्थानीय रघुनाथ जिला अस्पताल में भी परवाह करने वाला कोई नहीं। ऐसे अनगिनत मामलों के बाद सामने आई आज की घटना दिल को झकझोर दने वाली है। 13 दिनों तक अस्पताल मेें अलग-अलग वार्डो में दाखिल लगभग 9 माह के बेसहारा शिशु ने आज अस्पताल प्रबंधन की बेपरवाही के कारण सिसक-सिसक कर दम तोड दिया। इन 13 दिनों मे कभी उसे बच्चा वार्ड तो कभी पूरक पोषण पुर्नवास केन्द्र में चिकित्सक दाखिल कराते रहे। अस्पताल के अन्दर सही देखभाल व उपचार में तत्परता बरती गई होती तो उस अनाथ को ना सिर्फ नया जीवन मिल सकता था बल्कि पूर्णतः ठीक होने पर कोई नाम भी जानकारी के अनुसार 11 जुलाई को जशपुर की एक संस्था द्वारा स्थानीय जिला अस्पताल में लगभग 9 माह के एक शिशु को बच्चा वार्ड मेें दाखिल किया गया था।

बताया गया कि बच्चे के साथ उक्त संस्था के दो सहायक भी मौजूद थे। 9 दिनों तक बच्चा वार्ड में बच्चे का उपचार करने के बाद जब यह समझ मेें आया कि उसका वजन कम है, तब जाकर चिकित्सकों ने उसे अस्पताल परिसर में ही स्थिर पूरक पोषण पुर्नवास केन्द्र में दाखिल कर दिया। 15 की शाम वहां दाखिल करने के बाद शुक्रवार की दोपहर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो पुनरू उसे बच्चा वार्ड लेजाकर दाखिल कर दिया गया। इन 13 दिनों में बच्चे का अस्पताल के अलग-अलग वार्ड में दाखिल कराने का सिलसिला आज बह गया। सिसकते-सिसकते बच्चे के सांसो की डोर थम गई। बच्चे की इस मौत ने जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॅालेज के लापरवाहीपूर्ण व गैर जिम्मेदार रवैये की पोल खोलकर रख दी है। इस मौत से एक बार फिर साबित हो गया कि साधन सुविधा की दुहाई देने वाले सुपरस्पेस्लिटी अस्पताल में अनाथों का कोई नाथ नहीं है। इस संबंध में पूरक पोषण पुर्नवास केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. टेकाम से दूरभाष 7566064808 पर कई बार सम्पर्क किया गया, परंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। मामले में मेडिकल काॅलेज के अधीक्षक डाॅ घनष्याम सिंह से बच्चे के मौत के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि इसका प्रभार षिषु रोग विषेसज्ञ डाॅ रेलवानी देख रहे हैं। वे ही इस संबंध में बेहतर बता सकते हैं।