जल आर्वधन योजना में फिर से 34 करोड़ 55 लाख पानी में बहाने की तैयारी…पाइप लाइन बिछाने में की जा रही लापरवाही….टेक्निकल इंजीनियर के बैगर हो रहा करोड़ो का काम…

जांजगीर.चांपा। नगरपालिका जांजगीर.नैला क्षेत्र के निवासियों की प्यास बुझाने के लिए 31 करोड़ 21 लाख रूपए जल आवर्धन योजना में खर्च हो रहे हैं. जिससे शहर के पच्चीस वार्डो में पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाया जा सके। लेकिन, ठेकेदार की लापरवाही के कारण करोड़ों की योजना फेल होती दिख रही है। इसका कारण कार्यस्थल पर टेक्निकल इंजीनियर का मौजूद ना रहना बताया जा रहा है। मजदूर और जेसीबी चालक के भरोसे ही इतने बड़े काम को अंजाम दिया जा रहा हैए जबकि टेक्निकल इंजीनियर की देखरेख में काम होना चाहिएए जिससे गड्ढों का लेबल और पाइप ज्वाइंट सही रहे। लेकिनए शहर के वार्डो में बिछ रही पाइप का ना तो लेबल सही है और ना ही पाइप के ज्वाइंट को देखा जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पाइप बिछाने के लिए वार्डो में बनी नालीए बीएसएनएल वाॅयर, पुरानी पाइप लाइन तक को तोड़ दिया जा रहा हैए जिससे विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है लेकिनए ठेकेदार के कर्मचारी मनमाने ढंग से कार्य को अंजाम दे रहे हंै। जल आवर्धन योजना के कार्य को देखकर लोगों का यही कहना है कि करोड़ों गए पानी में। बता दें कि एक दशक पहले भी करोड़ों फूंकने के बाद लोगों को सही पानी नहीं मिल सका। इस बार भी उसी प्रकार से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि जल आवर्धन योजना के तहत चांपा से होकर गुजरी हसदेव नदी से जिला मुख्यालय जांजगीर के घरों में पानी पहुंचाना है। इसके लिए मल्टी अर्बन इन्फ्रा सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड को ठेका मिला है। इस कार्य के लिए 31 करोड़ 21 लाख खर्च होना हैए जिसके तहत 90 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाना है। कार्य का वर्क आर्डर बीते पांच अगस्त को जारी हुआ है। वहीं ठेकेदार को दो साल की समयावधि दी गई है। नदी से पानी लाने बिरगहनी के पास देवरहा में इंटकवेल बनेगा। साथ ही फिल्टर प्लांट का निर्माण भी होगा। रेल लाइन के किनारे पाइप लाइन के जरिए फिल्टर प्लांट से पानी शहर के टंकी में पहुंचेगा। इसके लिए शहर में दो जगह पर 9 लाख और 24 लाख लीटर क्षमता की पानी टंकी भी बनाई जाएगीए जहां से पाइप लाइन के जरिए शहर के घरों में पानी पहुंचेगा। लेकिनए वर्तमान में चल रहे कार्यो को देखकर नहीं लगता कि घरों में पानी पहुंच पाएगा। यहां बताना लाजिमी होगा कि शहरवासियों को पानी के लिए हर रोज तकलीफों का सामना करना पड़ता है। खासकरए गर्मी के दिनों में स्थिति और विकराल हो जाती है। इसीलिएए एक दशक पहले करोड़ों रूपए नल.जल योजना में खर्च किए गए थे लेकिनए वह कार्य पूरी तरह फ्लाॅप रहा था। शहरवासियों की मांग को देखते हुए फिर एक बार करोड़ों रूपए खर्च किया जा रहा है लेकिनए ये योजना भी लापरवाह प्रशासन और ठेकेदार के कारण पानी में डूबता दिख रहा है। इस पर शहर के लोगों का कहना है कि जब सिचाई विभाग के एसडीओए इंजीनियर और ठेकेदार के कार्यस्थल पर दिनभर डटे रहने के बाद भी 11 सौ मीटर नाली का सही निर्माण नहीं हो सका तो 90 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य बिना टेक्निकल इंजीनियर के कैसे संभव हो पाएगा। ऐसी कई बात हैंए जो इस योजना को शुरूआत से ही फ्लाॅप साबित कर रही हैं।

नगरपालिका क्षेत्र को तीन जोन में बांटा गया हैए जिसकी निगरानी की जवाबदारी तीन सब इंजीनियरों को दी गई है। साथ ही एक कार्यपालन अभियंता को भी कार्यालय में दो दिनों के लिए संलग्न किया गया है। वहीं नपा अध्यक्ष के निवेदन पर कलेक्टर ने सहायक अभियंता जल आवर्धन योजना के विषेशज्ञ अधिकारी को भी इस कार्य में संलग्न किया है। गुणवत्तापूर्ण कार्य पर पूरा जोर दिया जा रहा है।

.मनोज सिंह, सीएमओ, नगरपालिका जांजगीर.नैला