पड़ताल… यशंवत जरूरी या मजबूरी…!

@संजय यादव/02 जनवरी 2021

यशंवत जरूरी या मजबुरी…

जांजगीर चांपा जिले के कलेक्टर साहब जनप्रतिनिधियों के लिये गले का फांस बन गये है। कलेक्टर के रवैये से जिले के लोग नाखुश है. तो जिले के जनप्रतिनिधि कलेक्टर से मिलने से डरते है कभी सब के सामने कुद अनाप सनाप बोल न दे.. कलेक्टर साहब न पत्रकारो का सुनते और न ही नेताओं का… अब समझ नही आ रहा है यशंवत साहब जिले के लिए जरूरी है या कोई मजबूरी है… कलेक्टर साहब की दर्जनो शिकायत मुख्य मंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री तक पहुचं गया है। अब तो सत्ता पक्ष के स्थानीय नेता भी खुल कर बोलने लगे है..कौन यहां बैठा दिया है… किसी काम के नही है… सुनने मे यहां तक आया है कि कार्यालय में भी समय बेसमय आते है। मन लगा तो पहुंच गये नही तो बंगला में काम निपटा देते है…जनप्रतिनिधि अब सीएम का दौरे का इंतजार कर रहे कि कब सीएम साहब आये तो कलेक्टर की खिचाई करें…

भ्रष्ट्राचार की शिकायत पर निपटे सीईओ..

जब पाप का घड़ा भर जाता है तो यही है…भ्रष्ट्राचार की शिकायत इतनी की अब बात नही जमी…शिकायतो को ढेर इतना की कोई सुनते सुनते थक जाये….जिला पंचायत के सीईओ साहब को यहां सेे हटाने में शिकायतकर्ता कामयाब हो गया हैं.. शिकायत को सही समय पर सुन कर सीईओ को निपटा दियें… जिले में दर्जनों ग्राम पंचायतो में 14 वित्त से लेकर हर प्रकार से काम के बदले कमीशन का खेल ज्यादा दिन नही चल सका और अंत मे इसकी सजा जरूर मिली..सीईओ साहब के तबादला कराने मे एक सत्ताधारी नेता ज्यादा खुश नजर आ रहा है…

आईएस के बाद अब आईपीएस की बारी…

प्रदेश में दर्जनों आईएएस के तबादला होने के बाद अब आईपीएस की बारी लग रहा है…बहुत दिनो मे जिले जमंे आईपीएस अब थोड़ा टंेसन में है कही कप्तानी करने का पवार का अंत न हो जाये और मुख्यालय मे बैठ कर बाबु गिरी न करना पड़ जाये.. हो सकता आने वाले समय में आईपीएस की तबादला लिस्ट जारी हो जाये….

सीएम साहब का जिले मे तीसरा दौरा..

सीएम भुपेश बघेल का जांजगीर चांपा जिले मे ंयह तीसरा दौरा हैं.. मुख्यमंत्री का जिले में महीने में तीसरी बार दौरे पर आ रहे है। पहले शिवरीनारायण,पामगढ़ और अब जांजगीर.. साहब के इस दौरे को लेकर विपक्ष तो चिंता मे है ही…सत्ताधारी नेताओ को भी सोच मे डाल दिया है…सीएम साहब के तीन बार जिले के दौरे से राजनीति पंडित कई मायने निकल रहे हैं। वही कांग्रेसी नेता काफी खुश नजर आ रहे है। जिसके कारण इस बार 5 जनवरी को नेताओं का एक फिर शक्ति प्रदर्शन देखने को मिलेगा। सीएम साहब जिले वासीयों को नये वर्ष कुछ खास सौगात दे सकते हैं…

भाजपा से बसपा ही सही…

छत्तीसगढ़ मे सत्ताधारी कांग्रेस सरकार मे विपक्ष की भूमिका में भाजपा से बसपा सही है.कम से कम बसपा के विधायक विधानसभा के साथ -साथ अपने क्षेत्र की जनता के लिए खुल कर बोलते है। आम जनता के समस्याओं को लेकर अधिकारीयो से भीड़ जाते है। जिलें सबसे ज्यादा भ्रष्ट्राचार पंचायतों में 14 वित्त मे हुआ है। जिसको जैजैपुर विधायक विधानसभा उठा कर हड़कंप मचा दिया था। वही पामगढ़ विधायक भी अपने क्षे़त्र की जनता के लिए विरोधीयों से खुल कर विरोध करती हैं। लेकिन भाजपा के विधायक मे यह दिखाई नही देता…विपक्ष मे ज्यादा संख्या होने के बाउजुद अपनी बात नही रख पाते.. हाल में धान खरीदी केन्द्र खोलने की मांग को लेकर जैजैपुर विधायक रोड़ पर आ कर बैठ गये थे..अंत में शासन को झुकना पड़ा तब जाकर वहां धान केन्द्र की शुरूवात हुई.. जिले की जनता अब कहने लगी है दो विधायक ही सही सब पर भारी है..