मौत का कारण बन रही कृष्णा इंडस्ट्रीज में प्रशासन का छापा..

जांजगीर-चांपा (संजय यादव) कृष्णा इंडस्ट्रीज में सिलिकोसिस के बढ़ते मामलों को लेकर अब प्रशासन भी सख्त नजर आ रहा है। सोमवार को चांपा एसडीएम के नेतृत्व में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, श्रम विभाग के अफसरों की टीम ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान टीम को वहां कई तरह की खामियां मिली है। इस आधार पर प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किया जाएगा। अचानक हुई छापेमारी से फैक्ट्री प्रबंधन भी सकते में है।
बहेराडीह गांव में संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज अब लोगों के लिए काल साबित हो रहा है। बीते पांच-छह सालों में यहां काम करने वाले दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इन सबको सर्दी, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, वजन कम होना जैसी समस्या थी। ये लक्षण सिलिकोसिस के है। हालांकि इन सभी का कोई रिकार्ड ही नहीं है। यहां काम करने वाली गायत्री बाई मन्नेवार की दो साल पहले मौत हुई थी। उसकी मौत से पहले औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के जरिए गायत्री का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ था। जांच में गायत्री को सिलिकोसिस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद यहां काम करने वाले रामकुमार यादव की मौत सिलिकोसिस के जहर से हो गई। फिर गंगोत्री यादव और अब खीकराम यादव की मौत से हड़कंप मच गया है। मीडिया में इस मामले को लेकर लगातार खबरें आ रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए सोमवार को चांपा एडीएम यूके उर्वशा, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के सहायक संचालक आशुतोष पाण्डेय, श्रम विभाग के लेबर इंस्पेक्टर की टीम ने कृष्णा इंडस्ट्रीज में छापा मारा। फैक्ट्री प्रबंधन को अफसरों के आने की भनक लग गई थी। इसके चलते सभी मजदूरों को छुट्टी दे दी गई थी। फिर भी टीम ने अपने स्तर से फैक्ट्री की जांच पड़ताल की। टीम ने जांच में क्या मिला अब तक स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन कहा जा रहा है जांच में कई तरह की खामियां मिली है। जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। इस आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
कृष्णा इंडस्ट्रीज बंद होना चाहिए
कृष्णा इंडस्ट्रीज के प्रदूषण से जिस तरह नरसंहार की स्थिति बनी है उससे ग्रामीण बेहद आक्रोशित है। उनका कहना है कि वो पिछले छह-सात सालों से कृष्णा इंडस्ट्रीज के प्रदूषण से त्रस्त हैं। लिमिट से अधिक सिलिका डस्ट प्रवाहित होने के कारण उन्होंने दो दर्जन से अधिक अपनों को खोया है, जबकि मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब शासन-प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना होगा। उनका कहना है कि कृष्णा इंडस्ट्रीज को हमेशा के लिए बंद करा दिया जाए, अन्यथा वो उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे।
सक्ती विधायक को नहीं मिली फुर्सत
कृष्णा इंडस्ट्रीज के जहर से बहेराडीह सहित आसपास गांवों में मौत का तांडव चल रहा है। महज दस दिनों के भीतर दो लोगों की मौत गंभीर बीमारी की वजह से हो गई है। इसके बावजूद सक्ती विधायक डॉ. खिलावन साहू को गांव पहुंचकर यथास्थिति का जायजा लेने फुर्सत नहीं मिल रहा है। रविवार को जब विधायक से बात हुई और उन्हें मामले की जानकारी विस्तार से दी गई, तब उन्होंने सोमवार को गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने का हवाला दिया था। लेकिन वो नहीं पहुंचे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक कितने गंभीर हैं।
यूके उर्वशा, एसडीएम, चांपा
लगातार हो रही मौत को ध्यान में रखते हुए आज कृष्णा इंडस्ट्रीज का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, श्रम विभाग के अफसरों की टीम भी थी। जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा।