नहर में घुटने भर पानी, 1 माह बाद में भी नहीं भरें शहर के तालाब…..

 

sharda irrigation 1

सिचंाई विभाग का दावा फेल, पानी भरने लाखों खर्च कर रही प्रशासन

जांजगीर-चांपा । निस्तारी तालाबों को भरने के लिए 12 अप्रैल से बांगो डेम से नहर में पानी छोड़ा जा गया था। लेकिन माह बाद बीत जाने के बाद भी शहर के तालाब नही भर पाया है । बाउजुद प्रशासन लाखो खर्च कर पानी ले जाने के लिए नाली निर्माण कर लाखो खर्च कर रही है। निस्तारी तालाबों को भरने के लिए 12 अप्रैल से बांगो डेम से नहर में पानी छोड़ा गया था। सिंचाई विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि पहले दिन से 250 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। 800 क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया है पर हकीकत यह है कि महीने बाद भी नहर में अभी पानी का लेवल पांव के घुटने तक ही हैं। इतने कम पानी से तालाबों का भरने में कम से कम एक महीना लग गया ऐसे में इस बार नहर के पानी से तालाबों के भरने में संशय कायम है। शहर के मुख्य तालाबों में भीमा, रानी, कुटरा, बोंगा और नैला के जूना और राम प्रसाद तालाब गर्मी में भी शहर के वाटर लेबल को ज्यादा गिरने नहीं देते। पिछले साल भीमा और खड़परी पारा स्थित तालाब को भरने नहर से छोटी नाली बनाई गई थी। पालिका ने नाली बनाने लगभग दो लाख रुपए खर्च किए गए। उसकेा तोड कर फिर से लाखों खर्च कर रही है। इसके बाद भी भीमा को भर नहीं पाए। खड़फड़ी पारा स्थित तालाब तक पानी ले जाने बनाई गई नाली में भी लेबल कम होने से पर्याप्त पानी नहीं पहुंचा। अधिकारी का दावा रू हर दिन 800 क्यूसेक पानी छोड़ रहे, हकीकत रू नहरों में अब भी नहीं पहुंचा पर्याप्त पानी नहर में 2 फीट ऊंचाई तक ही पानी छोड़ा गया है जिससे तालाब तक नहीं पहुंच पा रहा।

नहर में पर्याप्त पानी आता तो बढ़ता वाटर लेबल

नहर में पर्याप्त पानी छोड़ा जाता तो शहर में वाटर लेवल बढ़ जाता है। इससे नहर से लगे आसपास के क्षेत्र में करीब 60 से 90 फीट तक जल स्तर ऊपर आता लेकिन कम पानी छूटने से ऐसा नहीं हो सका। ऐसी परिस्थिति में शहर के अंदरूनी इलाकों में 300 फीट की गहराई में भी पानी नहीं मिल रहा। बोर और हैंडपंप अब भी कुछ समय बाद जवाब दे रहे हैं। ऐसे हालत में लोगों को पानी के पालिका के टैंकरों के ही भरोसे रहना पड़ता है।

नहर मे पानी ही नही पर लाखो खर्च कर जारी है नाली निर्माण में

सिचाई विभाग नहर से शहर के तालाबों में पानी पहुचानें के लिए लााखो का खर्च नाली निर्माण करा रही हैं पर नहर में पानी ही नही है। फिर निर्माण कराने औचित्य नजर नही आ रही है। वही पुराने नाली को तोड़ कर नया नाली निर्माण हो रहा हैं पर गर्मी की का मौसम नाली निर्माण करते समाप्त हो जायेगा वही नहर मे भी पानी नही है। लेकिन प्रशासन लाखो खर्च कर रही है।