तेजस्वी से जलते थे नीतीश.. ये उनकी अंतिम पलटी है : लालू यादव

नई दिल्ली आज पटना के गांधी मैदान में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की रैली हो रही है। इस रैली को ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ का नाम दिया गया है। इस रैली में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुंचे हैं। साथ ही जेडीयू के सांसद शरद यादव और अली अनवर भी इस रैली में पहुंचे हैं। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद भी इस रैली में पहुंचे हैं। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस रैली में नहीं आ रहे हैं।। इस रैली की पल पल की अपडेट जानिए यहां।

4.59- हमारे दो साथी यहां आ रहे थे वह शहीद हो गए। उनकी हत्या की गई है, बाढ़ आई नहीं लाई गई है। सभी विधायकों और नेताओं से कहा कि सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों की मदद करें। हम आप लोगों को अधिक समय नहीं दे पाए क्योंकि हमारा अधिकतर समय कोर्ट कचहरी में ही निकल गया। उन्होंने सभी विधायकों, नेताओं और जनता को धन्यवाद कहा। पुलिस और जिला प्रशासन को भी उन्होंने धन्यवाद कहा, क्योंकि उन्होंने इतनी भारी भीड़ को संभालने में काफी मशक्कत की। साथ ही मीडिया का भी धन्यवाद किया। उन्होंने जोर से नारा लगाया- भाजपा हटाओ, देश बचाओ।

4.44- लालू यादव ने नीतीश कुमार को दलबदलू भी कहा। नीतीश कुमार को कोई सिद्धान्त नहीं है। वह बोले कि नीतीश कुमार दलित से नफरत करते हैं। नीतीश ने शराब बंद की तभी मैंने कहा था कि ऐसे शराब नहीं रुकेगी। शराबबंदी के नाम पर 40 हजार गरीब लोगों को जेल में बंद कर दिया। गरीब लोगों के लिए रिजर्वेशन की बात कही, लेकिन नीतीश कुमार ने नहीं किया ऐसा। नीतीश कुमार सच में पलटूराम है। लालू यादव जिंदाबाद के नारे भी खूब लगे। अस्पताल में बच्चों के मरने की बात पर भी लालू यादव ने टिप्पणी की। बाढ़ आई नहीं, बाढ़ को लाया गया। बांध बनाने में एक बार पैसा लगाए और अब फिर से गरीब का पैसे पानी में बहेगा। गरीब के पैसों से घपला किया गया है, जिसकी जांच होनी चाहिए।

4.42 जब तेजस्वी यादव काम करने लगा तो मैंने उसे समझाया कि अच्छे से काम करना और कोई गलत काम मत करना। नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से जलन थी। इसलिए नीतीश कुमार दिल्ली गए और नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से मिलकर छल किया। बिहार की बेटी मीरा कुमार राष्ट्रपति होती, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा का समर्थन कर दिया। लोग बोलते थे कि क्या नीतीश भाजपा में चले जाएंगे, मैं कहता था नहीं जाएंगे। दो अलग-अलग विचारों की पार्टियां एक हो गईं, सभी चौंक गए। नीतीश कुमार कहते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।

4.35- लालू प्रसाद यादव मंच पर बोलने पहुंचे तो पहले उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह लालटेन भेंट किया गया और फिर उसके बाद शॉल ओढ़ाई गई। 27 अगस्त का दिन इसलिए रैली के निर्धारित किया ताकि सबकी छुट्टी रहे और किसी को भी रैली की वजह से कोई दिक्कत ना हो। भाजपा को हराने के लिए दिल पर पत्थर रखकर गठबंधन किया था। पता था कि नीतीश कुमार ठीक नहीं है, लेकिन कोई रास्ता नहीं था। वह बोले कि नीतीश कुमार छली है और उन्हें मैंने ही तैयार किया था। नीतीश यादव को शरद यादव ने बहुत मदद की। शरद यादव ने ही उन्हें केन्द्र में मंत्री बनाया था, अब शरद यादव को ही गाली दे रहे हैं। उन्होंने जनता को धन्यवाद कहते हुए कहा कि आपने आरजेडी को 80 एमएलए दिए। लालू यादव बोले कि नीतीश कुमार को हमने वचन दिया था, इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया। उस समय मेरे दिल की सर्जरी हुई थी और डॉक्टर ने आराम करने को कहा था, फिर भी हमने रोज 10-10 मीटिंग कीं। हमारा चेहरा देखकर लोगों ने वोट दे दिया।