तीर्थराज के है बहुत से राज ? अपने कार्यकाल में रहे हमेशा विवादित.. अब जांजगीर चांपा जिला पंचायत सीईओ का प्रभार..

  • बलरामपुर से संयुक्त कलेक्टर पद थे पदस्थ

जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिला पंचायत सीईओ अजीत बंसत के स्थानांतरण के बाद उनके के स्थान पर जिला पंचायत सीईओ बनाए गए अजय अग्रवाल ने ज्वाइन नहीं किया इसलिए उनके स्थान पर बलरामपुर रामानुजगंज के संयुक्त कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल को जांजगीर.चांपा का जिला पंचायत सीईओ बनाया गया है। लेकिन तीर्थराज का हमेशा विवादो से नाता रहा है। हमेशा अपने कार्यकाल मे विवादित रहे । एसडीएम द्वारा छात्राओ पर लाठीचार्ज करने की घटना छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहली घटना थी । जिससें पूरे प्रदेश मंे तीर्थराज के इस कृत्य की निंदा हुई थी। बलौदाबाजार जिले के अमेरा गांव के छात्र.छात्राओं ने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया था। स्कूल के बाहर सड़क बनाने की मांग कर रहे बच्चों के उपर एसडीएम तीर्थराज ने स्कूल के छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। दरअसल मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपनी अटल यात्रा के दौरान इस इलाके से निकलने वाले थे। स्कूल के छात्र सीएम के काफिला आने के पहले सड़क पर शांतिपूरण ढंग से बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस पर एसडीएम ने उन पर लाठीचार्ज करते हुए उनकी पिटाई कर दी थी। हम आपको बता दें कि तीर्थराज अग्रवाल पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। सरगुजा में पदस्थ रहते वक्त तीर्थराज पर वसूली करने के गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले में आम आदमी पार्टी,,कांग्रेस और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी एसडीएम की गिरफ्तारी की मांग किये थे। पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने सरकारी काम.काज में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सभी संबंधित विभागों को गंभीरता से कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2008 बैच के दो अधिकारियो को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इनमें रायगढ़ जिले के संयुक्त कलेक्टर थे जब तीर्थराज अग्रवाल और महासमंुद जिले के संयुक्त कलेक्टर जे. आर. चैरसिया शामिल थे। दोनो का निलबंन आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी कर दिया गया था । निलंबन अवधि में अग्रवाल का मुख्यालय आयुक्त बस्तर संभाग जगदपुर कार्यालय में तथा चैरसिया का मुख्यालय आयुक्त रायपुर संभाग रायपुर के कार्यालय में निर्धारित किया गया है।

तीर्थराज के निलबंन की वजह
निलंबन आदेश के अनुसार तीर्थराज अग्रवाल पर आरोप था। कि उन्होंने रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखण्ड स्थित एनटीपीसी के ग्राम लारा में निर्माणाधीन संयंत्र के तहत नौ गांवो.लारा, झिलगीटारए,देवलसुर्राए,आड़मुड़ा, बोड़ाझरिया, कांदागढ़, छपोरा, महलोई तथा रियापाली में कुल 780.869 हेक्टेयर,;लगभग 781 हेक्टेयर जमीन के भू.अर्जन प्रकिया के पहले तथा भू.अर्जन प्रकिया के दौरान व्यायपक पैमाने पर जमीन का छोटे.छोटे टुकड़ों में क्रय.विक्रय हुआ। अग्रवाल पर बंटवारा तथा नामांतरण के संबंध में कानून का पालन नहीं करने और लापरवाही पूर्वक कृत्य करते हुये प्रभावितों को अवैधानिक लाभ पहुचाने की मंशा से दुरभिसंधि करते हुए अनियमितता और लापरवाही बरती गई थी। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ;आचरणद्ध नियम 1955 के नियम 3 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने इन दोनो अधिकारियो को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ;वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम 1965 के नियम 9 (1) के के तहत निलंबित किया था।