राज्य शिशु स्वास्थ्य अधिकारी ने किया निरीक्षण
अम्बिकापुर (दीपक सराठे)
शिशु मृत्यु दर की बढ़ती संख्या को लेकर शासन-प्रशासन जहां एक ओर गंभीर है वहीं उनके मृत्यु दर को कम करने अनेको कवायदे की जा हरी है। रघुनाथ शासकीय जिला अस्पताल में संभाग के एकलौते शिशु गहन चिकित्सा केंद्र की स्थापना के बाद काफी हद तक शासन-प्रशासन अपनी इस मंशा में कामयाब रहा है। आज रघुनाथ अस्पताल स्थित एसएनसीयू का निरीक्षण करने पहुंचे राज्य शिशु स्वास्थ्य अधिकारी ड. अमर सिंह ठाकुर ने इस यूनिट को 12 से 20 बिस्तर करने का एक्टेंशन दिया है। यहीं नहीं नवजात की अच्छी तरह से देखभाल हो सके व पूर्ण रूप से उसे स्वास्थ्य किया जा सके इसके लिये एसएनसीयू के उपचार के बाद उन बच्चों को स्टेप डाउन वार्ड में रखा जायेगा। जिला अस्पताल में लगातार बढ़ती भीड़ व प्रसव की संख्या बढने के कारण श्री ठाकुर ने इसकी स्वीति दे दी है।
राज्य शिशु स्वास्थ्य अधिकारी श्री ठाकुर आज जिले में शिशु स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने अम्बिकापुर पहुंचे थे। श्री ठाकुर ने सबसे पहले जिला अस्पताल के एसएनसीयू का निरीक्षण किया। गंभीर बच्चों की संख्या लगातार बढने के कारण उन्होंने एसएनसीयू जो कि वर्तमान में 12 बिस्तर का है उसे 20 बिस्तर करने की बात कही। इसके लिये अन्य साधन सुविधाओं को मुहैया कराने की स्वीति दी। यहीं नहीं उन्होंने एसएनसीयू से डिस्जार्च बच्चों के लिये अलग से स्टेप डाउन वार्ड बनाने की बात भी कही। इस वार्ड में एसएनसीयू से उपचार के बाद भी बच्चों की देखरेख हो सकेगी। जिला अस्पताल के बाद वे जिले के विभिन्न पीएससी व सीएससी का दौराकर वहां बच्चो को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं टीकाकरण सहित अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान सीएमओ ड. एके जायसवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ ड. टेकाम, टीकाकरण अधिकारी ड. खुटिया, डीपीएम अनिला पैकरा सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे।
एनआरसी की हुई तारीफ
कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने जिला अस्पताल में स्थापित पूरक पोषण पुर्नवास केंद्र का भी जायजा श्री ठाकुर ने लिया। उन्होंने वहां की साफ-सफाई व व्यवस्था की तारीफ करते हुये कहा कि केंद्र छत्तीसगढ़ में और जगह स्थापित केंद्र्र से काफी अलग और सुविधाजनक है। इस दौरान केंद्र के नोडल अधिकारी ड. टेकाम ने उन्हें बताया कि 2010 अक्टूबर से स्थापित इस केंद्र में अब तक 945 कुपोषित व गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित किया जा चुका है। पूर्व में यह केंद्र 10 विस्तरों का था जो अब सरगुजा कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन की पहल पर 20 बिस्तरों का कर दिया गया है।