अस्पताल के वार्ड हाउसफुल.. प्रतीक्षालय में ही लेटा दिया मरीजों को…!

– जिला चिकित्सालय में मरीज ठंडी से परेशान
– जिला चिकित्सालय नही कोई और व्यवस्था

जांजगीर चांपा (संजय यादव) अंचल के ग्रामीण इन दिनों बदलते मौसम से खासा परेशान हैं। पहले सप्ताह भर की सर्दी के बाद मौसम में आई ठंडक, फिर धूप की आंखमिचैली के चलते लोग बीमार पड़ने लगे हैं। इसके चलते शहर के जिला अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग रही है। जिला चिकित्सालय में वार्ड बेड की कमी के चलते प्रतिक्षालय में बिस्तर लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ज्यादातर शिकायतें सर्दी-खांसी, उल्टी-दस्त, बुखार व सिरदर्द के आ रही हैं। मरीज के साथ परजिन दिन में जैसे तैसे निकाल लेते है पर रात में ठंडी ज्यादा होने से खासी परेशान का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्यालय के सीएस का कहना हैं कि मरीज ज्यादा होने से अभी इन्हे यही रखा गया है। जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल इस कदर बेहाल हो चुका है कि अब डॉक्टर और कम्पाउन्डर गरीब मरीजों का इलाज अस्पताल के फर्श पर ही लिटाकर कर रहे हैं।

संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर देने वाली यह तस्वीर 100 बेड़ जिला चिकित्सालय में नजर आई। मरीजों की संख्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा हैं। जबकि अस्पताल की क्षमता 100 बिस्तर की हैं। शहर के मरीज सर्दी-खांसी होने पर भी सीधे यहीं पहुंचते हैं। जबकि इसके लिए पीएचसी, अर्बन पीएचसी को और सुविधाओं से संपूर्ण करने की जरुरत है ताकि मरीज यहां पहले पहुंचें, इससे जिला चिकित्सालय का लोड तो कम होगा ही इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा। अस्पताल के कई विभाग के वार्ड में बेड कम पड़ रहे है, यही वजह है कि फ्लोर बेडिंग करने को मजबूर हैं। इन्हीं सब बातों और भविष्य में बढ़ने वाले पेसेंट लोड को देखते वार्ड के बाहर गलियारे में 8 से 10 मरीज जमीन पर ही पड़े मिलते हैं। डॉक्टर मजबूर है क्योंकि मेडिसीन के चारों वार्ड भरे हुए हैं, एक के डिस्चार्ज पर दूसरे को बेड मिलता है। केजुअल्टी में बेड के अभाव में मरीज बाहर ही स्ट्रेचर पर पड़े रहते हैं डॉक्टर यहीं इलाज करते हैं। मरीजों को ले-देकर ही बेड मिलता हैं।